Friday, May 20, 2011

गुस्सा

गुस्सा
====
पत्नी अपनी थी तनी,उसे मनाने यार
हमने उनसे कह दिया,गलती से एक बार
गलती से एक बार,लगे है हमको प्यारा
गुस्से में दूना निखरे है रूप तुम्हारा
कह तो दिया मगर अब घोटू कवी रोवे है
बात बात में वो जालिम गुस्सा होवे है

मदन मोहन बहेती 'घोटू'
 

ब्लॉग हमारा-पोस्ट तुम्हारा

ब्लॉग हमारा-पोस्ट तुम्हारा
--------------------------------
मेरे दिल के इस ब्लॉग पर,
आता है जब पोस्ट तुम्हारा,
फूल हजारों खिल जाते है,
खुशियाँ छा जाती दोबारा
तुम अपने मन के भावों को ,
शब्दों के कपडे पहना कर
जब भी कभी प्रकाशित करती
मेरे मन में खुशियाँ भरती
याद तुम्हारी,बस आजाती
मेरे मन के वृन्दावन में,
रास रचाती
कल कल कर बहती सरिता सी याद तुम्हारी
आकर मिल जाती मेरे सागर से मन में
कुछ तो होगी कशिश हमारे खारेपन में
जो तुम्हारा मीठा सा जल
दोडा हुआ चला आता है मिलने,बेकल
खोने को अपना मीठापन
जब तुम करती पूर्ण समर्पण

मदन मोहन बहेती 'घोटू'