लोक- परलोक
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हमारे एक धार्मिक प्रवृत्ति के दोस्त ने समझाया
उम्र बढती जारही है,
और तुमने ना कोई पुण्य कमाया
थोडा दान धरम कर लो
थोड़ी कथा भागवत सुन लो
ये ही पुण्य बाद में काम आएगा
तुम्हे स्वर्ग दिलवाएगा
देखो आजकल लोगों की प्रवृत्ति में,
धार्मिकता कितनी बढ़ गयी है
मंदिरों और कथा भागवत में भीड़ उमड़ रही है
सबके सब जुटे है पुण्य कमाने में
सीधा स्वर्ग जाने में
मैंने कहा यार तुमको पता है
भीडभाड से मेरा मन डरता है
मंदिरों या सत्संगो की भीड़ से घबराता हूँ
इसीलिए ऐसे आयोजनों में नहीं जाता हूँ
और फिर इतनी सारी जनता,जो पुण्य कमा रही है,
सीधे स्वर्ग जायेगी
तो निश्चित ही स्वर्ग में भी भीड़ बढ़ जायेगी
शांति कहाँ मिल पाएगी
ऐसे स्वर्ग जाने से फायदा ही क्या है यार,
यहाँ भी झेलो भीड़ भाड़ और वहां भी भीड़ भाड़
अगर हम दिल के सच्चे है
तो ऐसे ही अच्छे है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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हमारे एक धार्मिक प्रवृत्ति के दोस्त ने समझाया
उम्र बढती जारही है,
और तुमने ना कोई पुण्य कमाया
थोडा दान धरम कर लो
थोड़ी कथा भागवत सुन लो
ये ही पुण्य बाद में काम आएगा
तुम्हे स्वर्ग दिलवाएगा
देखो आजकल लोगों की प्रवृत्ति में,
धार्मिकता कितनी बढ़ गयी है
मंदिरों और कथा भागवत में भीड़ उमड़ रही है
सबके सब जुटे है पुण्य कमाने में
सीधा स्वर्ग जाने में
मैंने कहा यार तुमको पता है
भीडभाड से मेरा मन डरता है
मंदिरों या सत्संगो की भीड़ से घबराता हूँ
इसीलिए ऐसे आयोजनों में नहीं जाता हूँ
और फिर इतनी सारी जनता,जो पुण्य कमा रही है,
सीधे स्वर्ग जायेगी
तो निश्चित ही स्वर्ग में भी भीड़ बढ़ जायेगी
शांति कहाँ मिल पाएगी
ऐसे स्वर्ग जाने से फायदा ही क्या है यार,
यहाँ भी झेलो भीड़ भाड़ और वहां भी भीड़ भाड़
अगर हम दिल के सच्चे है
तो ऐसे ही अच्छे है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'