Monday, December 12, 2011

पत्थरों के दिल पिघल ही जायेगे

पत्थरों के दिल पिघल ही जायेगे
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छोड़ नफरत,बीज बोओ प्यार के,
चमन में कुछ फूल खिल ही जायेगे
पत्थरों के कालेजों में मोम के,
चंद कतरे तुम्हे मिल ही जायेंगे
समर्पण की सुई,धागा प्रेम का,
फटे रिश्ते,कुछ तो सिल ही जायेंगे
अगर कोशिश में तुम्हारी जोर है,,
कलेजे हों सख्त,हिल ही जायेगे 
यग्य  का फल मिलेगा जजमान को,
आहुति में फेंके तिल ही जायेंगे
बेवफा तुम और हम है बावफा,
इस तरह तो टूट दिल ही जायेंगे
अगर पत्थर फेंकियेगा कीच में,
चंद  छींटे तुम्हे मिल ही जायेंगे
करके देखो नेता की आलोचना,
कई चमचे,तुम पे पिल ही जायेगे
कोई भी हो देश कोई भी शहर,
एक दो सरदार मिल ही जायेंगे
अगर कोशिश में तुम्हारी है कशिश,
पत्थरों के दिल पिघल ही जायेंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

 

थोड़ी सी तुम भी पहल करो

थोड़ी सी तुम भी पहल करो
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शृंगार
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यह मधुर मिलन की प्रथम रात,ऐसे ही बीत नहीं जाये
तुम्हारे मधुर अधर का रस,मै पी न सकूँ,मन ललचाये
ये झिझक निगोड़ी ना जाने,क्यों खड़ी बीच में बन बाधा
चन्दा सा मुखड़ा घूंघट से,बस दिखता है आधा आधा
जो ललक ह्रदय में है मेरे,तुम्हारे मन में भी होगी
तुमको छू  लूं ,मन करे,झिझक,तुम्हारे मन में भी होगी
यदि ये सब यूं ही बना रहा,तो कैसे होगा मधुर मिलन
जाने फिर कैसे टूटेंगे,ये शर्मो हया के सब बंधन
जब मेहंदी लगे हाथ की ही,छुवन है इतनी उन्मादक
जब तन तुम्हारा छू लूँगा,तो क्या होगी मेरी हालत
तुम्हारे चन्दन से तन की,है खुशबू ने बेचैन करा
मन में उमंग,तन में तरंग,है अंग अंग में जोश भरा
तुम मौन सिमट कर बैठी हो,मै भी कुछ शरमाया सा हूँ
कैसी होगी प्रतिक्रियाये,तुम्हारी,घबराया सा हूँ
ये मन बेचैन मचलता है,इसको मत ज्यादा विकल करो
मै भी थोड़ी सी पहल करूं,तुम भी थोड़ी सी पहल करो

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

ग़ज़ल-प्यार की

ग़ज़ल-प्यार की
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भावना में ज्वार होना चाहिये
तब किसी से प्यार होना चाहिये
ये नहीं वो चीज जो बंटती फिरे,
एक से ,एक बार होना चाहिये
जिधर भी जाए तुम्हारी  ये नज़र,
यार का दीदार होना  चाहिये
बुढ़ापा हो या जवानी उम्र की,
ना कोई दीवार होना चाहिये
एक दूजे के लिए ही है बने,
सोच ये हर बार होना चाहिये
आग जब दोनों तरफ ही हो लगी,
समर्पण,अभिसार होना चाहिये
महोब्बत के फूल खिलते ही रहें,
जिंदगी गुलजार होना  चाहिये
चाहे डूबो या रहो तुम तैरते,
रस भरा संसार होना चाहिये
प्यार का लम्बा चलेगा ये सफ़र,
आपसी एतबार होना चाहिये

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

हे जगदीश ,चतुर्भुज धारी

हे जगदीश ,चतुर्भुज धारी
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हे जगदीश,चतुर्भुजधारी,
आपका ये रूप ,अनूप है
औउर बड़ी प्रेरणा दायक  है,
ये छवि तुम्हारी
आप जो हाथों में धारण किये हुए है,
शंख,चक्र,गदा और पद्म
जीवन की राजनीती में,
सफलता के है ये ही मूल मन्त्र
सबसे पहले शंख बजाओ
अपनी उपस्तिथि का अहसास कराओ
जितनी बुलंद आप जन जन तक पहुँचाओगे
आप उतनी ही बुलंदी तक पहुँच पाओगे
और फिर जरुरत पड़ने पर,
अपने विपक्षी पर,
अपने दूसरे हाथ में धारण किया हुआ,
चलाओ चक्कर (चक्र)
ये चक्र बड़ा शक्तिशाली है
और शिशुपाल जैसे विरोधी,
जो देते तुम्हे गाली है
उनकी गर्दन काट देता है,
जब ये चल जाता है
और 'गज' जैसे भक्तों को,
'ग्राह' से बचाता है
और फिर भी यदि आवश्यकता पड़े
हाथ में गदा लेकर हो जाओ खड़े
ये गदा,
शक्तिशाली रही है सदा
त्रेता युग में ये हनुमान जी के हाथ थी
और द्वापर में भीम के पास थी
और राम रावण युद्ध और महाभारत में,
इसकी भूमिका खास थी
बस एक बार लहरा दो
अपनी कीर्ति ध्वजा फहरा दो
और फिर सफल्रा चूमेगी आपके कदम
और आपके हाथों में होगा पदम
पद्म याने कमल,प्रतीक है सम्पन्नता का
कोमलता का,सुन्दरता का और सफलता का
इसकी महिमा सर्वत्र है
इस पर लक्ष्मी जी विराजती है,
सुख समृद्धि का ये ही मूल मन्त्र है
यदि आपके हाथ में शंख,चक्र और गदा है
तो समझो,पद्म भी सदा है
और उस पर लक्ष्मी जी भी निवास करेगी
और जनता आपकी जय जय कार करेगी
प्रभु, आपके इस चतुर्भुज रूप से प्रेरणा पाकर,
हम सब आपके ऋणी है
अब हमारी समझ में आ गया,
कि आपके पुरुष पुरातन होते हुए भी,
लक्ष्मी जी ,क्यों आपकी वामंगिनी है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

 

एक थैली के चट्टे बट्टे

एक थैली के चट्टे बट्टे
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बी जे पी हो या कांग्रेस
ये सब के सब है एक जैस
सब दल जनता को भरमाते,
है बदल बदल कर अलग भेष
मन बहलाते इनके वादे,
भाषण लम्बे लम्बे
पर हमने देखा ये सब है,
एक बेल के तुम्बे
सत्ता मिलते ही ये देखा,
सब करते है ऐश
बी जे पी हो या कांग्रेस
ये कर देंगे,वो कर देंगे,
दिखलाते है ख्वाब
रंग बदलने में ये सब है,
गिरगिट के भी बाप
रंग बिरंगी टोपी,झंडे,
रंग बिरंगी ड्रेस
बी जे पी हो या कांग्रेस
सभी बढ़ाते है मंहगाई,
सब चीजों के भाव
एक गली में भों भों करते,
जब होता टकराव
पर खुद का मतलब होने पर,
हो जाते है एक
बी जे पी हो या कांग्रेस
एक थैली के चट्टे बट्टे,
कुछ है नाग,संपोले
इस हमाम में सब नंगे है,
अब किसको क्या बोलें
नेताओं ने लूट लूट कर,
किया खोखला देश
बी जे पी हो या कांग्रेस
ये सब के सब है एक जैस

मदन मोहन बाहेती'घोटू'