हम और तुम
तुम हो अंतर्मुखी,मैं हूँ बाहृय मुखी
तुम हो मुझसे दुखी,मैं हूँ तुमसे दुखी
पहले शादी के पत्री मिलाई गयी ,
गुण है छत्तीस मिले ,पंडित ने पढ़ा
गुण हमारे तुम्हारे न मिलते है कुछ,
हममे तुममें है छत्तीस का आंकड़ा
मैं हूँ सौ वाट का बल्ब जलता हुआ,
तुम स्लिम ट्यूब लाइट ,वो भी फूंकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
तुम चुपचाप अपने में सिमटी रहो,
मैं परिंदे सा नीले गगन में उडूं
है जुदा सोच अपना ,जुदा ख्याल है ,
तुम तो पीछे चलो और मैं आगे बढू
मैं सबसे मिलूं,हंसी ठठ्टा करूं ,
और नज़रें तुम्हारी ,झुकी की झुकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
मुझ को लगती है मौज और मस्ती भली,
और तुम सीरियस ,खुद में खोई रहो
है रस्ते हमारे अलग ही अलग ,
मैं तो पश्चिम बहूं और तुम पूरब बहो
मैं तो चाहता हूँ चलना बुलेट ट्रेन सा ,
तुम हो अड़ियल सी भैंसा गाडी ,रुकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
तुम हो अंतर्मुखी,मैं हूँ बाहृय मुखी
तुम हो मुझसे दुखी,मैं हूँ तुमसे दुखी
पहले शादी के पत्री मिलाई गयी ,
गुण है छत्तीस मिले ,पंडित ने पढ़ा
गुण हमारे तुम्हारे न मिलते है कुछ,
हममे तुममें है छत्तीस का आंकड़ा
मैं हूँ सौ वाट का बल्ब जलता हुआ,
तुम स्लिम ट्यूब लाइट ,वो भी फूंकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
तुम चुपचाप अपने में सिमटी रहो,
मैं परिंदे सा नीले गगन में उडूं
है जुदा सोच अपना ,जुदा ख्याल है ,
तुम तो पीछे चलो और मैं आगे बढू
मैं सबसे मिलूं,हंसी ठठ्टा करूं ,
और नज़रें तुम्हारी ,झुकी की झुकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
मुझ को लगती है मौज और मस्ती भली,
और तुम सीरियस ,खुद में खोई रहो
है रस्ते हमारे अलग ही अलग ,
मैं तो पश्चिम बहूं और तुम पूरब बहो
मैं तो चाहता हूँ चलना बुलेट ट्रेन सा ,
तुम हो अड़ियल सी भैंसा गाडी ,रुकी
तुम हो अंतर्मुखी ,मैं हूँ बाहृय मुखी
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'