शिकवा शिकायत
खिलाड़ी कुछ मोहब्बत ये ,बड़े होशियार होते है ,
पहुँच झट जाते है दिल में,पकड़ते बस कलाई है
वो तितली की तरह कितने ही फूलों पर है मंडराते ,
चुभे काँटा तो कहते ये ,हमारी बेवफाई है
ये उल्फत भी अजब शै है,नहीं कुछ बोल हम पाते ,
लगा होठों पे ताला है ,कसम उनने दिलाई है
छुपा के उनकी यादों को ,रखा दिल की तिजोरी में ,
यही तो एक दौलत जो ,उमर भर में कमाई है
सही हाथों में जो आती,हजारों नगमें लिख देती ,
बहुत बदनाम कर देती,मुंह पर पुत सियाही है
सहा करती है धरती माँ ,हमारे सब सितम बरसों ,
जो उफ़ कर थोड़ा हिल जाती ,मचा देती तबाही है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
खिलाड़ी कुछ मोहब्बत ये ,बड़े होशियार होते है ,
पहुँच झट जाते है दिल में,पकड़ते बस कलाई है
वो तितली की तरह कितने ही फूलों पर है मंडराते ,
चुभे काँटा तो कहते ये ,हमारी बेवफाई है
ये उल्फत भी अजब शै है,नहीं कुछ बोल हम पाते ,
लगा होठों पे ताला है ,कसम उनने दिलाई है
छुपा के उनकी यादों को ,रखा दिल की तिजोरी में ,
यही तो एक दौलत जो ,उमर भर में कमाई है
सही हाथों में जो आती,हजारों नगमें लिख देती ,
बहुत बदनाम कर देती,मुंह पर पुत सियाही है
सहा करती है धरती माँ ,हमारे सब सितम बरसों ,
जो उफ़ कर थोड़ा हिल जाती ,मचा देती तबाही है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'