वो कौन है ?
वो जब आती ,नहीं रूकती ,
सभी को जाना पड़ता है
ये है दस्तूर कुदरत का ,
निभाना सबको पड़ता है
ये दो बहने गजब की है,
अजब इनका फ़साना है
एक इक बार जीवन में ,
दूजी आये रोजाना है
एक आती ,संग ले जाती,
सभी को गमजदा करती
एक आ चैन देती है,
तबियत खुशनुमा करती
एक से लोग डरते है ,
वो ना आये तो अच्छा है
एक आ देती राहत है ,
वो आये सबकी इच्छा है
एक चुपके से आती है,
किसी को ना नज़र आये
एक को चाहते सब है,
मगर ना देखना चाहे
एक आती,मिले मुक्ति,
ये उसका लक्ष्य होता है
एक के वास्ते घर में,
अलग एक कक्ष होता है
जो आती एक बार ही है ,
इस जीवन में,वो है मृत्यूं
जो आती रोज ,वो क्या है,
समझता मै ,समझता तू
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
वो जब आती ,नहीं रूकती ,
सभी को जाना पड़ता है
ये है दस्तूर कुदरत का ,
निभाना सबको पड़ता है
ये दो बहने गजब की है,
अजब इनका फ़साना है
एक इक बार जीवन में ,
दूजी आये रोजाना है
एक आती ,संग ले जाती,
सभी को गमजदा करती
एक आ चैन देती है,
तबियत खुशनुमा करती
एक से लोग डरते है ,
वो ना आये तो अच्छा है
एक आ देती राहत है ,
वो आये सबकी इच्छा है
एक चुपके से आती है,
किसी को ना नज़र आये
एक को चाहते सब है,
मगर ना देखना चाहे
एक आती,मिले मुक्ति,
ये उसका लक्ष्य होता है
एक के वास्ते घर में,
अलग एक कक्ष होता है
जो आती एक बार ही है ,
इस जीवन में,वो है मृत्यूं
जो आती रोज ,वो क्या है,
समझता मै ,समझता तू
मदन मोहन बाहेती'घोटू'