पांच तत्व की प्रतिमा -नारी
हमार काया
को प्रभु ने पांच तत्वों से बनाया
हवा,पानी ,अग्नि ,धरती और आकाश
पर इनका आभास
नारी में होता है ख़ास
उनमे हवा तत्व है भरपूर मिलता
उनकी इजाजत के बिना ,
घर का एक पत्ता भी नहीं हिलता
अग्नि तत्व भी स्पष्ट नज़र आता है
इनके सानिध्य से ,कोई भी ,
पत्थर से पत्थर दिलवाला इंसान पिघल जाता है
और जब ये अपने जल तत्व का जलवा दिखलाती है
तो पति की सारी कमाई ,पानी की तरह बहाती है
जब कभी ये सजधज कर ,इतरा कर ,
आसमान में उड़ती है
तो अपने आकाश तत्व से जुड़ती है
और जो कोई इन्हे छेड़े और हरकतें करे ऊल जलूल
तो ये उसे चटा देती है ,धरा तत्व की धूल
इसीलिये मैं इस पांच तत्व की प्रतिमा से डरता हूँ
और रोज सुबह उठ कर ,
अपनी पत्नी को दंडवत प्रणाम करता हूँ
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
हमार काया
को प्रभु ने पांच तत्वों से बनाया
हवा,पानी ,अग्नि ,धरती और आकाश
पर इनका आभास
नारी में होता है ख़ास
उनमे हवा तत्व है भरपूर मिलता
उनकी इजाजत के बिना ,
घर का एक पत्ता भी नहीं हिलता
अग्नि तत्व भी स्पष्ट नज़र आता है
इनके सानिध्य से ,कोई भी ,
पत्थर से पत्थर दिलवाला इंसान पिघल जाता है
और जब ये अपने जल तत्व का जलवा दिखलाती है
तो पति की सारी कमाई ,पानी की तरह बहाती है
जब कभी ये सजधज कर ,इतरा कर ,
आसमान में उड़ती है
तो अपने आकाश तत्व से जुड़ती है
और जो कोई इन्हे छेड़े और हरकतें करे ऊल जलूल
तो ये उसे चटा देती है ,धरा तत्व की धूल
इसीलिये मैं इस पांच तत्व की प्रतिमा से डरता हूँ
और रोज सुबह उठ कर ,
अपनी पत्नी को दंडवत प्रणाम करता हूँ
मदन मोहन बाहेती'घोटू'