ये हाथ तुम्हारे
ये हाथ तुम्हारे सुन्दर है ,कोमल है नरम मुलायम है
फिर भी दिनभर सब काम करे,इन हाथों में इतना दम है
इन हाथों का स्पर्श मात्र ,मुझको रोमांचित कर देता
हाथो में हाथ लिए चलना ,जीवन में खुशियां भर देता
ये हाथ मुझे जब सहलाते ,मुझको सिहरन सी लगती है
ये हाथ बहुत प्यारे लगते ,जब इन पर मेंहदी सजती है
इन हाथों की रेखाओं में, है छुपी हुई जीवन गाथा
इन हाथों का जब साथ मिले ,सुख से जीवनपथ कट जाता
इन हाथों की उंगली में ही ,जब एक अंगूठी पहनाते
तो जीवन भर के बंधन में ,दो अनजाने भी बंध जाते
इन हाथों में पहने कंगन ,जब खनका करते रातों में
एक चिंगारी सी लग जाती,मन के सोये जज्बातों में
इन हाथों की एक उंगली ही ,जब करती एक इशारा है
तो बेबस हो नाचा करता ,हर एक पति बेचारा है
इन हाथों द्वारा बना हुआ ,स्वादिष्ट बहुत लगता भोजन
तारीफ़ करू,इनको चूमूँ ,ऐसा करता है मेरा मन
ये हाथ सहारा देते है ,मुश्किल बिगड़े हालातों में
मैंने जीवन का सौंप दिया ,सब भार बस इन्ही हाथों में
मदन मोहन बाहेती'घोटू'