विरहन की पुकार
गर्मी में उमस सताती है ,सर्दी में सिहरन होती है ,
बारिश में बरसते आंसूं पर तुम रोने मुझे नहीं देते
कुछ मुंदी अधमुंदी आँखों से ,जी खोना चाहे ख्यालों में ,
तो मुझे जगा सपनो में भी ,तुम खोने मुझे नहीं देते
तुम्हारी साँसों में बस कर ,अपना सम्पूर्ण समर्पण कर ,
जी चाहे तुम्हारी हो जाऊं ,तुम होने मुझे नहीं देते
जब तुम रहते हो दूर सनम ,तो मुझको नींद नहीं आती ,
जब पास हमारे आ जाते ,तो सोने मुझे नहीं देते
घोटू
गर्मी में उमस सताती है ,सर्दी में सिहरन होती है ,
बारिश में बरसते आंसूं पर तुम रोने मुझे नहीं देते
कुछ मुंदी अधमुंदी आँखों से ,जी खोना चाहे ख्यालों में ,
तो मुझे जगा सपनो में भी ,तुम खोने मुझे नहीं देते
तुम्हारी साँसों में बस कर ,अपना सम्पूर्ण समर्पण कर ,
जी चाहे तुम्हारी हो जाऊं ,तुम होने मुझे नहीं देते
जब तुम रहते हो दूर सनम ,तो मुझको नींद नहीं आती ,
जब पास हमारे आ जाते ,तो सोने मुझे नहीं देते
घोटू