Thursday, May 14, 2020

गेंहूं और संस्कार

गेंहूं एक अन्न है ,पेट भरता है
पर वो कोरा नहीं खाया जा सकता है
इसके लिए आवश्यक है उसे पीसना
जो उसे आटा ,मैदा ,सूजी ,दलिया देता है बना
आटा भी कच्चा नहीं फांका जाता ,
उसे पानी मिला कर  सानते है
फिर रोटी बेलते है या बाटी बना बांधते है
आग में सेकने पर रोटी ,
तेल में तलने पर पूरी बना खाते है
ज्यादा गीले आटे में चीनी मिला कर ,
तलने से  ,मालपुवे बन जाते है
गुड़ मिला कर गुलगुले और
नमक अजवाइन मिला कर मठरी बन जाता है
आटे को घी में सेक कर ,चीनी और पानी मिलाने से ,
हलवा बन जाता है
मैदा खमीर उठने पर तलने पर
 चाशनी भर, जलेबी बन जाती  है
और बेकिंग करने पर ब्रेड,बिस्किट
और केक  मुस्कराती है
अलग अलग रूप में,
 अलग अलग स्वाद पाता है
एक गेंहूं का दाना कितना  बदल जाता है
ये सब होता है पहले पिसाई ,
और फिर जब मिलती है उसे ,
पानी ,आग ,घी तेल और शकर की संगत  
बदल जाती है उसकी रंगत
वैसे ही आपकी संतान ,गेंहूं के दाने जैसी होती है
उसकी पिसाई आपका लालन पालन है ,
जो उसे दलिये,आटा  या मैदे सा बनाता है
फिर उसे ज्ञान के पानी में ओसन कर,
 शिक्षा की आंच में पका
संस्कारों के तेल में तल कर
 सुसंगत की शकर मिला
या बेकिंग की तपस्या कर
उसका व्यक्तित्व निखारा जाता  है
इसलिए यदि हमको अपनी सन्तानो का ,
भविष्य उज्वल करना है
तो उनका अच्छा लालनपालन कर,
 अच्छे संस्कार भरना है
उनकी शिक्षा ,ज्ञान और संगत पर ,
हमें रखना पूरा ध्यान होगा
तभी जीवन में उनका उत्थान होगा

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
हमें करोना संग जीना है

अपना अपना ख्याल रखो तुम ,सब अपनी अपनी सोचेंगे
नहीं रहेंगे , ,सावधान जो  ,तो फिर अपना सर  नोचेंगें
तुम अमीर हो या गरीब हो ,जाति धर्म वो ना देखेगा
जैसे ही  मिल पाया मौका  ,झट कोरोना ,आ पहुंचेगा
इतने दिन तक ,संयम बरता ,सावधनियां ,मत छोडो तुम
हाथ सफाई ,दूरी रखना ,निज दिनचर्या ,में जोड़ो तुम
क्योंकि लम्बी ,खिंचनेवाली ,है ये कोरोना की आफत
थोड़ी सी लापरवाही की ,तुम ले लोगे ,मोल मुसीबत
सेनेटाइजर साथ रखो तुम ,खानपान घर का ही खाओ
यही बात बीबी बच्चों को ,और दोस्तों को समझाओ
प्रतिरोधक जो क्षमता होगी तन में ,कुछ न बिगड़ पायेगा
यह वाइरस तो बड़ा ढीठ है ,इतनी जल्दी ना जाएगा
हरदिन संभल संभल कर रहना ,स्वच्छ साफ़ खानापीना है
हम तैयार रहें ,कुछ बरसों ,हमें करोना ,संग जीना है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
नाइंसाफी

जिसने तुमको पालापोसा ,
             पूरा जेंटलमेन बनाया
 मई माह में  ,उस माई का    
         तुमने बस दिन एक मनाया
बाकी पूरे बरस कर रहे ,
          पूजा बच्चों की माँ की  है
जन्मदायिनी माँ का एक दिन ,
         सिर्फ मनाना क्या काफ़ी है
भैया ये , नाइंसाफी है

घोटू 
नाइंसाफी

जिसने तुमको पालापोसा ,
             पूरा जेंटलमेन बनाया
१४ मई को ,उस माई का    
         तुमने बस दिन एक मनाया
बाकी पूरे बरस कर रहे ,
          पूजा बच्चों की माँ की  है
जन्मदायिनी माँ का एक दिन ,
         सिर्फ मनाना क्या काफ़ी है
भैया ये , नाइंसाफी है

घोटू 
            लॉक डाउन -४ --एक सवैया

पूर्ण हुई रामायण ,महाभारत निपट गयी ,
             लॉकडाउन सीरियल अब तक ना निपटयो है
टीवी पर सुनो खबर ,और धुनों अपनों सर ,
                    आदमी अपने घर, भीतर ही सिमटयो  है
सिमटे सब  कारोबार ,दुकाने और बाज़ार ,  
              सब पर ही पड़ी मार ,काम सभी अटक्यो है
छोटो सो वाइरस ,मार रहयो है डस डस ,
            बस में ना आय रह्यो ,सब के मन  खटक्यो है

घोटू