सूरदास जी के पद 'ऊधो ,जाओ तुम्हे हम जाने '
पर एक पेरोडी
ऊधो ,जाओ तुम्हे हम जाने
तीन दलों के गठबंधन में ,रहते हो त्रिविधा में
दिया घोसला तोड़, टिटहरी के न रुचे जो गाने
हुए अशांत ,सुशांत केस में ,बोलो किसे बचाने
क्या सत्ता के मद में तुम भी ,भटके हो अनजाने
पिताश्री के आदर्शों को ,तुम क्यों लगे भुलाने
रहो दंभियों से बच कर तुम ,अब हो जाओ सयाने
ऊधो ,जाओ तुम्हे हम जाने
पर एक पेरोडी
ऊधो ,जाओ तुम्हे हम जाने
तीन दलों के गठबंधन में ,रहते हो त्रिविधा में
दिया घोसला तोड़, टिटहरी के न रुचे जो गाने
हुए अशांत ,सुशांत केस में ,बोलो किसे बचाने
क्या सत्ता के मद में तुम भी ,भटके हो अनजाने
पिताश्री के आदर्शों को ,तुम क्यों लगे भुलाने
रहो दंभियों से बच कर तुम ,अब हो जाओ सयाने
ऊधो ,जाओ तुम्हे हम जाने