बचत मोहब्बत की
खुदा की दी ,मोहब्बत सब की सब ,ना है उड़ाने को
बचाकर रखलो ,थोड़ी सी , वक़्त पर काम आने को
सुना है दो जनम के दरमियां ,होता बहुत कुछ है ,
नहीं सच जानता कोई ,मगर ये लोग कहते है
हमारे कर्म के अनुसार हमको जगह मिलती है ,
स्वर्ग में या नरक में कुछ दिनों हम लोग रहते है
अगर तक़दीर ने अच्छा लिखा और स्वर्ग जो पाया ,
सुना है कि वहां पर अप्सरायें ,दिल लगाएगी
बचाकर तुम रखोगे जो ,मोहब्बत पास थोड़ी सी ,
बहुत ज्यादा तुम्हारे स्वर्ग में वो काम आएगी
नरक की पीड़ में भी मोहब्बत से काम निकलेगा ,
बड़ी अनमोल दौलत ये ,तुम्हे राहत दिलाने को
खुदा की दी मोहब्बत ,सब की सब ना है उड़ाने को
बचाकर रख लो थोड़ी सी ,वक़्त पर काम आने को
समझलो माशूका कोई पूरानी जिस पे दिल आया ,
मगर कुछ कारणों वश ,वो नहीं मिल पाई धरती पर
किसी दिन जो अचानक ही ,वो टकराये और मिल जाए ,
तुम्हे हसरत पुरानी ,पूरी करने का मिले अवसर
उस समय ये बचाकर के ,रखी थोड़ी मोहब्बत ही ,
तमन्नाओं का तुम्हारी ,करेगी पार बेड़ा फिर
मज़ा आ जायेगा दूना ,ख़ुशी होगी ,उसे पाकर ,
प्यार से उसके संग कुछ दिन वहीँ करना बसेरा फिर
ये सुनते है ,मनोहारी ,वहां का प्यारा नन्दन वन,
जगह माकूल है ,माशूक संग ,मौजें मनाने को
खुदा की दी मोहब्बत सब की सब ,ना है उड़ाने को
बचा कर रखलो थोड़ी सी , वक़्त पर काम आने को
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '