यह मेरा घर
यह तेरा घर, यह मेरा घर
यह खुशबुओं से तरबतर
महक हमारे प्यार की ,
सभी तरफ ,इधर-उधर
यहां पूजा घर में राम है
बंसी बजाते श्याम है
हरते गणेश ,सारे क्लेश,
और रखवाले हनुमान हैं
यह रोज आरती होती है
जलती माता की ज्योति है
यहां अगरबत्तियां जल जल कर ,
खुशबू से देती घर को भर
यहां गमले में फुलवारी है
हर फूल की खुशबू प्यारी है
जूही गुलाब चंपा खिलता
खुशबू और स्वाद सदा मिलता
जब पके रसोई में भोजन
तो खुशबू से ललचाता
मन
जब हलवा सिक कर महकाता
पानी सब के मुंह में आता
जब गरम पकोड़े जाय तले
लगते हैं सबको बहुत भले
और छौंक दाल जब लगती
तो भूख पेट की है जगती
अम्मा कमरे से पेन बाम
की खुशबू आती सुबह शाम
यहां ओडोमास की खुशबू से ,
करते हैं तंग नहीं मच्छर
यह तेरा घर यह मेरा घर
मदन मोहन बाहेती घोटू