http://blogsmanch.blogspot.com/" target="_blank"> (ब्लॉगों का संकलक)" width="160" border="0" height="60" src="http://i1084.photobucket.com/albums/j413/mayankaircel/02.jpg" />
Saturday, January 27, 2024
Collaboration request
How would you like to earn a 35% commission for each sale for life by
selling SEO services
Every website owner requires the use of search engine optimizaztion (SEO)
for their websites. Think about it, this is really hot
Simply register with us, generate your affiliate links and incorporate them
on your websites, thats it.
It takes only a few minutes to set up everything and the payouts are sent
by each end of the month
Click here to sign up with us, totally free:
https://www.creative-digital.co/join-our-affiliate-program/
See you inside
Salbador
Monday, January 22, 2024
मुंबई और रजाई
पिछले हफ्ते मैं गया था मुंबई
वहां का मौसम था सुरमई
दिल्ली की सर्दी थी कंपकंपाती
वहां की धूप थी मन को भाती
दिल्ली में अलाव जलते थे
वहां पर दिन रात पंख चलते थे
दिल्ली में लड़कियां गर्म कपड़ों में बदन छुपाती थी
वहां पर लड़कियां हॉट पेंट में नजर आती थी
हफ्ते भर मुंबई के मौसम का मजा उठाया फिर 26 डिग्री की मुंबई से 6 डिग्री की दिल्ली में लौट आया
फिर आकर दिल्ली का मौसम का स्वाद चखा
रजाई में दुबक कर आया बहुत मजा
दिल्ली का सर्दी का आनंद ही निराला है रजाई के सुख से महरूम रहता मुंबई वाला है
रजाई का सुख अवर्णनीय है, अनोखा है
यह वही जान पता है जिसने रजाई में घुसकर ये सुख चखा है
मन को रोमांचित करते हैं दिल्ली की सर्दी के अफसाने
क्या होता है रजाई का सुख ,यह मुंबई वाले क्या जाने
मदन मोहन बाहेती घोटू
Thursday, January 18, 2024
तुम जंक फूड को ना बोलो
खाओगे ज्यादा तला भुना
मीठा गरिष्ठ अवगुणकारी
चर्बी तन पर चढ़ जाएगी
फूलेगी काया तुम्हारी
इसलिए बहुत आवश्यक है
तुम जंक फूड को ना बोलो
हर सुबह शाम थोड़ा घूमो
बैठे न रहो , हालो डोलो
अच्छा लगता हो जिव्हा को
चाहे मन के माफिक रहे
पर त्याग करो उस खाने का
जो सेहत को ना ठीक रहे
मौसम के मुताबिक खान-पान
करना ही सदा उचित होता
होता है जो सुपाच्य भोजन
जब सादा और संतुलित होता
यह जिव्हा बड़ी चटोरी है
इस पर लगाम है आवश्यक
मीठा न खाए,लेकिन मीठा,
बोले कोशिश करो भरसक
मनभावन हो और गुणकारी
वह खाना खाने मुंह खोलो
इसलिए बहुत आवश्यक है
तुम जंक फूड को ना बोलो
मदन मोहन बाहेती घोटू
Wednesday, January 3, 2024
उड़ी उड़ी नींद
पुरानी स्मृतियां ,
जब सपन बन ,
मन से जुड़ सी गई
नींद ,कुछ उड़ सी गई
बीते बरस की,
यादों का कोहरा
जब छटने लगा
प्राची में ,
नए वर्ष का सूरज
दमकने लगा
नई-नई आशायें
मन में
उमड़ सी गई
नींद, कुछ उड़ सी गई
चटकती कलियों का
पाकर के
प्रेम भरा निमंत्रण
तितलियां उड़ने लगी,
उत्साहित भ्रमरों का
शुरू हो गया गुंजन
मिलन की संभावनाएं
थोड़ी बढ़ सी गई
नींद कुछ उड़ सी गई
मदन मोहन बाहेती घोटू