चुनाव का चक्कर-जनता का उत्तर
चुनाव का चक्कर-जनता का उत्तर
१
पांच साल से हो रहा,था 'हाथी' मदमस्त
दो पहियों की 'सायकिल',उसे कर गयी पस्त
उसे कर गयी पस्त,'कमल' भी है कुम्हलाया
गाँव गाँव में हिला 'हाथ',पर काम न आया
कह घोटू कवि,अब सत्ता हो गयी 'मुलायम'
ख़तम हो गया,'माया' की माया का सब भ्रम
२
बहुजन हो या सर्वजन,कुछ भी दे दो नाम
चाल समझती है सभी,मूरख नहीं अवाम
मूरख नहीं अवाम,परख है बुरे भले की
सारा भ्रष्टाचार, बन गया फांस गले की
सत्ता के मद में माया इतनी पगलायी
खुद के पुतले बना,बन गयी पुतली बाई
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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