http://blogsmanch.blogspot.com/" target="_blank">
(ब्लॉगों का संकलक)" width="160" border="0" height="60" src="http://i1084.photobucket.com/albums/j413/mayankaircel/02.jpg" />
Friday, November 30, 2012
जिव्हा
पते की बात जिव्हा नहीं होती कोई हड्डी जीभ में , पर हिल कितने ही दिल तोड़ दिया करती है वही जीभ जब तलुवे से मिल कहती 'सोरी', टूटे हुए दिलों को जोड़ दिया करती है घोटू
No comments:
Post a Comment