मज़ा
न आता गर्म बालू से,गरम पानी की थैली से ,
है तपती धूप में आता ,मज़ा असली सिकाई का
न सूखी बर्फियों में है ,न लड्डू ,बालूशाही में,
जलेबी की टपकती चाशनी , सुख है मिठाई का
लूटते चोर डाकू और बड़े शोरूम मालों में ,
मज़ा लेकिन निराला है ,हसीनो की लुटाई का
मज़ा ना मार में माँ की,पिता की या कि टीचर की,
मज़ा कुछ और ही होता है बीबी से पिटाई का
घोटू
न आता गर्म बालू से,गरम पानी की थैली से ,
है तपती धूप में आता ,मज़ा असली सिकाई का
न सूखी बर्फियों में है ,न लड्डू ,बालूशाही में,
जलेबी की टपकती चाशनी , सुख है मिठाई का
लूटते चोर डाकू और बड़े शोरूम मालों में ,
मज़ा लेकिन निराला है ,हसीनो की लुटाई का
मज़ा ना मार में माँ की,पिता की या कि टीचर की,
मज़ा कुछ और ही होता है बीबी से पिटाई का
घोटू
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