जिंदगी
तमन्ना थी जिंदगी में ,फतह कर लूं हर किला
मगर जो था मुकद्दर में, मुझे बस वो ही मिला
हार जो झेली कभी तो,कामयाबी भी मिली,
यूं ही बस चलता रहा इस जिंदगी का सिलसिला
दुश्मनो ने राह में ,कांटे बिछाये तो कभी,
दोस्तों ने हर कदम पर ,फूल भी डाले खिला
मेरी कुछ कमजोरियों की,भी हुई आलोचना ,
तो मेरी अच्छाइयों का भी मिला,मुझको सिला
दुनियाभर की सारी खुशियां ,मिलगयी उसदिन मुझे ,
तेरे जैसे हमसफ़र का ,साथ जिस दिन से मिला
अब तो हँसते गाते सारी उमर ये कट जायेगी ,
जिंदगी मुझको नहीं है ,तुझसे कोई भी गिला
घोटू
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