प्रबल है संभावनाएं
आ रहा चुनाव सर पर
गहमागहमी है भयंकर
झूठी झूठी बातें फैला,
लोग तुमको बरगलायें
प्रबल है संभावनाएं
नेता सब हारे पुराने
आज बनते हैं सयाने
जुड़े उनकी चौकड़ी और,
महाभारत ये कराएं
प्रबल है संभावनाएं
कई वर्षों बिना खाए
भूखे बैठे तिल मिलाये
फिर से हथियाने को सत्ता,
हाथ आपस में मिलाएं
प्रबल है संभावनाएं
कोई नेता बांध मफलर
भोली भाली छवि दिखाकर
झूठे वादे करके सबको
बना बुद्धू ,वोट पाए
प्रबल है संभावनाएं
एक पप्पू जो न जाने
उसे कब क्या बोलना है
बेतुकी हरकतें कर के,
तपस्वी खुद को बताए
प्रबल है संभावनाएं
सोच अभिमन्यु अकेला
चाहते हैं खेलें खेला
राज्य चाहे जल रहा हो,
पहन टोपी ,पार्टी खाएं
प्रबल है संभावनाएं
हमें लेना फैसला है
क्या बुरा है क्या भला है
यूं ही झूठे प्रलोभन से ,
कहीं धोखा खा न जाएं
प्रबल है संभावनाएं
इसलिए है जरूरी यह
सोचकर हम करें निर्णय
चुने कर्मठ आदमी को ,
देश जो उन्नत बनाएं
प्रबल है संभावनाएं
कई वर्षों देखा भाला
देश को जिसने संभाला
योग्य जो है सबसे ज्यादा,
फिर से मोदी को जिताएं
प्रबल है संभावनाऐं
मदन मोहन बाहेती घोटू
No comments:
Post a Comment