Saturday, August 2, 2025


मेरी प्यारी पत्नी तारा 
इसका है व्यक्तित्व निराला 
वो तारा नहीं ,वह तो है चांद
 चांद सी शीतल और शांत
चेहरे पर वैसी ही चमक
रूप में वैसी ही दमक 
हमेशा चेहरे पर मुस्कान
उसका व्यतित्व है महान
संभालती मुझको और घर सारा 
 मेरी प्यारी पत्नी तारा

वह तो ग्रहणी एक कुशल है 
उसके हाथों में कौशल है 
बनाती मधुर मधुर पकवान 
जब भी आते हैं मेहमान 
गजब की उसकी मेहमाननवाजी  
सभी को रखती है वह राजी 
चाहती वह आए दोबारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

भले ही मेरी तरह वृद्ध है
फिर भी काम करने को कटिबद्ध है 
कभी भी नहीं है थकती 
हमेशा मेरा ख्याल रखती है 
उसकी सेवा और संभाल 
ने मेरी उम्र बढ़ा दी कुछ साल 
इसका श्रेय उसको जाता है सारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

मदन मोहन बाहेती घोटू 



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