हुआ करता काँटों में भी दिल तो है
भावनाएं सिर्फ फूलों में नहीं ,
हुआ करता काँटों में भी दिल तो है
जरूरी ना प्यार ही हरदम मिले ,
जिन्दगी में ,नफरतें ,मुश्किल तो है
देवता गण ,सिर्फ आशीर्वाद ना ,
श्राप भी दे देते कितनी बार है
पवन शीतल ,जाती बन तूफ़ान है ,
वरुण लाता क़यामत ,बन बाढ है ,
कोप से करते सभी को राख है ,
भड़क यदि जाते है अग्नी देवता
छुपा हर इंसान में एक राक्षस ,
नहीं लग पाता मगर इसका पता
राक्षस भी भक्त बन भगवान के,
कठिन करते तपस्या और ध्यान है
बदल जाता उनका सब व्यवहार है ,
जैसे ही मिलता उन्हें वरदान है
भस्मासुर की तरह जाते पीछे पड ,
दाता के,जिनने था उनको वर दिया
निकलता मतलब तो देतें है भुला ,
बड़े नाशुक्रे ,न कहते शुक्रिया
कौन कैसा दिखता है ,दिल में है क्या ,
बड़ा ही दुरूह है पहचानना
कौन कब व्यवहार कैसा करेगा ,
बड़ा मुश्किल होता है यह जानना
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
भावनाएं सिर्फ फूलों में नहीं ,
हुआ करता काँटों में भी दिल तो है
जरूरी ना प्यार ही हरदम मिले ,
जिन्दगी में ,नफरतें ,मुश्किल तो है
देवता गण ,सिर्फ आशीर्वाद ना ,
श्राप भी दे देते कितनी बार है
पवन शीतल ,जाती बन तूफ़ान है ,
वरुण लाता क़यामत ,बन बाढ है ,
कोप से करते सभी को राख है ,
भड़क यदि जाते है अग्नी देवता
छुपा हर इंसान में एक राक्षस ,
नहीं लग पाता मगर इसका पता
राक्षस भी भक्त बन भगवान के,
कठिन करते तपस्या और ध्यान है
बदल जाता उनका सब व्यवहार है ,
जैसे ही मिलता उन्हें वरदान है
भस्मासुर की तरह जाते पीछे पड ,
दाता के,जिनने था उनको वर दिया
निकलता मतलब तो देतें है भुला ,
बड़े नाशुक्रे ,न कहते शुक्रिया
कौन कैसा दिखता है ,दिल में है क्या ,
बड़ा ही दुरूह है पहचानना
कौन कब व्यवहार कैसा करेगा ,
बड़ा मुश्किल होता है यह जानना
मदन मोहन बाहेती'घोटू'