Saturday, August 2, 2025

जीवन का सफर

 पूरा जीवन का सफर किया,
 कुछ चलते-चलते भाग-भाग 
कुछ थके ,रुक गए सुस्ताए 
कुछ सोते-सोते, जाग जाग 

कुछ दिन गुजरे लाचारी में 
कुछ त्रस्त रहे बीमारी में 
जीवन की आपथापी में
 दुनिया की मारामारी में 
की पार राह की बाधाएं,
कुछ उचक उचक, कुछ लांघ लांघ 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते, भाग भाग 

कुछ दोस्त मिले ,कुछ दुश्मन भी 
कांटों में उलझा दामन भी 
जो गले लगाया कोई ने 
तो हुई किसी से अनबन भी 
बस बीत गया पूरा जीवन
 कुछ देते देते ,मांग मांग 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते, भाग भाग 

कोई ने बीच राह छोड़ा 
कोई ने आ रिश्ता जोड़ा 
कोशिश लाख की दुनिया को
 हम समझ सके थोड़ा-थोड़ा 
कोई संग जीवन डोर बंधी 
पाया कोई का अनुराग 
जीवन का सफर किया पूरा
 कुछ चलते-चलते ,भाग भाग

जो लिखा भाग्य अनुसार किया 
दिल दिया किसी से प्यार किया 
कुछ रोते ,कुछ हंसते गाते
 इस भवसागर को पार किया 
लहरों से रहे जूझते हम 
मन का सारा भय त्याग त्याग 
पूरा जीवन का सफर किया 
कुछ चलते-चलते भाग भाग

मदन मोहन बाहेती घोटू 
जय श्री कृष्णा ,जय श्री राम 

बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 
राम कृष्ण दोनों अवतारी 
दोनों बड़े महान 
बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 

रामचंद्र की तीन माताएं ,उन पर प्यार लुटाए थी 
एक देवकी ,एक यशोदा ,कृष्ण की भी दो माएं थी 
तीन भाई थे रामचंद्र के
 कृष्ण भाई बलराम 
बोलो कृष्णा कृष्णा कृष्णा 
बोलो राम राम राम 

 राम का बचपन अनुशासित था
करते गुरु की सेवा 
 नटखट कृष्ण ,चुरा कर माखन 
करते रोज कलेवा 
कृष्ण का बचपन गांव और वन में राजमहल में राम पले 
बाद राम जी वन वन घूमे 
सिंहासन पर कृष्ण चढ़े 
एक द्वारका जाकर बस गए
 एक अयोध्या धाम
 बोलो कृष्ण कृष्ण कृष्ण,
 बोलो राम राम राम 

एक ने अपनी मुरली धुन पर
 पाया राधा का प्यार 
एक ने चलाना सीखा गुरु से 
अस्त्र-शस्त्र हथियार 
राम के हाथों धनुष बाण था 
कृष्ण के हाथ सुदर्शन 
सोलह कला कृष्ण को आई 
राम पुरुष पुरुषोत्तम 
त्रास मिटाने सबका आए 
धरती पर भगवान 
बोलो कृष्ण कृष्ण 
बोलो राम राम राम 

एक पत्नी व्रत श्री राम का 
कृष्ण के आठ आठ रानी 
दोनों ख्याल प्रजा का रखते 
राज धर्म के ज्ञानी 
पत्नी के संग राम पुजाते 
सिया राम का बंधन 
मगर प्रेमिका राधा के संग
राधा कृष्ण का पूजन 
परम भक्त हनुमान राम के 
 कृष्ण का ना हनुमान 
बोलो कृष्ण कृष्ण कृष्ण
बोलो राम राम राम

मदन मोहन बाहेती घोटू 
करती है मुझको बहुत सुखी,
 जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी ,
जब बिटिया रहती है पापा 

करती है मुझसे प्यार बहुत 
रखती है साज संभाल बहुत 
खुश रहती ,हरदम मुस्काती 
मुझसे मिलती ,आती जाती 
सेवा करने में ना चूकी,
 जब बिटिया रहती है पापा
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया रहती है पापा 

वह बहुत चुलबुली ,खुशमिजाज
 मुझको है उसे पर बहुत नाज़ 
सबसे मिलती है मिलनसार 
करते हैं उससे सभी प्यार 
आती है लहर एक खुशबू की,
 जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया कहती है पापा 

ऐसा है उसमें कुछ जादू 
सब रहते हैं उसके काबू 
उसका व्यक्तित्व निराला है 
वह जग में सबसे आला है 
उसकी प्रतिभा है बहुमुखी 
जब बिटिया रहती है पापा 
ऐसा लगता कोयल कूकी,
जब बिटिया रहती है पापा

मदन मोहन बाहेती घोटू 

मेरी प्यारी पत्नी तारा 
इसका है व्यक्तित्व निराला 
वो तारा नहीं ,वह तो है चांद
 चांद सी शीतल और शांत
चेहरे पर वैसी ही चमक
रूप में वैसी ही दमक 
हमेशा चेहरे पर मुस्कान
उसका व्यतित्व है महान
संभालती मुझको और घर सारा 
 मेरी प्यारी पत्नी तारा

वह तो ग्रहणी एक कुशल है 
उसके हाथों में कौशल है 
बनाती मधुर मधुर पकवान 
जब भी आते हैं मेहमान 
गजब की उसकी मेहमाननवाजी  
सभी को रखती है वह राजी 
चाहती वह आए दोबारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

भले ही मेरी तरह वृद्ध है
फिर भी काम करने को कटिबद्ध है 
कभी भी नहीं है थकती 
हमेशा मेरा ख्याल रखती है 
उसकी सेवा और संभाल 
ने मेरी उम्र बढ़ा दी कुछ साल 
इसका श्रेय उसको जाता है सारा 
मेरी प्यारी पत्नी तारा 

मदन मोहन बाहेती घोटू