वंदना-अरविन्द परिणय रजत जयंती पर
प्रभु वंदन कर वंदना ,पाई पति अरविन्द
जीवन में मुखरित हुआ,प्रेम,ख़ुशी,आनंद
प्रेम,ख़ुशी,आनंद,मुदित मन वो हरषाये
गठ बंधन में बंधे ,बरस पच्चीस बिताये
अविनाश सा पुष्प खिला उनके उपवन में
यही कामना सुख बरसे उनके जीवन में
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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