हमारा श्राद्ध
एक दिन बाद
बहू को आया याद
अरे कल तो था ससुर जी का श्राद्ध
बहू ने झट से मोबाइल उठाया
डोमिनो को फोन कर
एक पिज़्ज़ा पंडित जी के घर भिजवाया
ब्राह्मण भोजन का यह उसका नया स्टाइल था
दक्षिणा के नाम पर कोक मोबाइल था
रात ससुर जी सपने में आए
मुस्कराए
और बोले बहू धन्यवाद
इतने दिनों बाद
कर लिया हमें याद
तुम्हारा भिजवाया गया पिज़्ज़ा था बहुत स्वाद
ऐसे पहले भी तुम पिज़्ज़ा मंगवाती थी
पर अपने कमरे में अपने पति के साथ ही खाती थी
कभी कभार एक टुकड़ा मुझे भी भिजवाती थी
पर अब की बार तो पिज़्ज़ा पूरा था
चीज से भरा था
मैंने प्रेम से खाया
साथ में उर्वशी और रंभा को भी खिलाया
उन्हें भी बहुत पसंद आया
बहू बोली आप स्वर्ग में भी मजा कर रहे हैं
और हम यहां महंगाई से मर रहे हैं
अब तो आपकी पेंशन का पैसा भी नहीं आता है
घर का बजट मुश्किल से चल पाता है
आपको पता है आजकल पिज़्ज़ा भी छह सौ रुपए में आता है
हमने कहा हम स्वर्ग में है पर धरती की सभी खबरों का पता है
आजकल पिज़्ज़ा के साथ नई स्कीम चल रही है और कोक फ्री में मिलता है
मदन मोहन बाहेती घोटू
No comments:
Post a Comment