Wednesday, September 10, 2025

हमारा श्राद्ध 

एक दिन बाद 
बहू को आया याद 
अरे कल तो था ससुर जी का श्राद्ध 
बहू ने झट से मोबाइल उठाया 
डोमिनो को फोन कर 
एक पिज़्ज़ा पंडित जी के घर भिजवाया 
ब्राह्मण भोजन का यह उसका नया स्टाइल था 
दक्षिणा के नाम पर कोक मोबाइल था 
रात ससुर जी सपने में आए 
मुस्कराए 
और बोले बहू धन्यवाद 
इतने दिनों बाद 
कर लिया हमें याद 
तुम्हारा भिजवाया गया पिज़्ज़ा था बहुत स्वाद 
ऐसे पहले भी तुम पिज़्ज़ा मंगवाती थी 
पर अपने कमरे में अपने पति के साथ ही खाती थी 
कभी कभार एक टुकड़ा मुझे भी भिजवाती थी 
पर अब की बार तो पिज़्ज़ा पूरा था 
चीज से भरा था 
मैंने प्रेम से खाया 
साथ में उर्वशी और रंभा को भी खिलाया 
उन्हें भी बहुत पसंद आया 
बहू बोली आप स्वर्ग में भी मजा कर रहे हैं 
और हम यहां महंगाई से मर रहे हैं
अब तो आपकी पेंशन का पैसा भी नहीं आता है 
घर का बजट मुश्किल से चल पाता है 
आपको पता है आजकल पिज़्ज़ा भी छह सौ रुपए में आता है 
हमने कहा हम स्वर्ग में है पर धरती की सभी खबरों का पता है
आजकल पिज़्ज़ा के साथ नई स्कीम चल रही है और कोक फ्री में मिलता है

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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