Monday, April 4, 2011

उम्मीद

   उम्मीद
कहते है ,उम्मीद के सहारे
 दुनिया चल रही है
और ये भी कहा जाता है
किसी से कोई उम्मीद मत रखो,
क्योंकि उम्मीद पूरी नहीं होने पर
दिल टूट जाता है
कुछ भी हो,मैंने अपनी उम्मीदों को,
एक गमले में,
खिले हुए फूलों के संग सजा रखा है
इस उम्मीद से ,
की कभी न कभी तो
मेरी उम्मीदें विकसेगी ,पूरी होंगी
पर शायद मै गलत हूँ,
क्योंकि उम्मीद पूरा करने के लिए
सिर्फ आस ही नहीं ,
करना पड़ता है प्रयास
और प्रयास करने पर ही
मेरी उम्मीदें पूरी होंगी,
एसा है मेरा विश्वास
   मदन मोहन बाहेती 'घोटू'


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