श्री गणेश लक्ष्मी पूजन दीवाली पर एक साथ क्यों?
अभी कुछ दिन पहले ही तो,
बड़े भक्ति भाव से हमने ,
गणेश जी को विदा देकर किया था रवाना
यह कह कर कि है गणपति बप्पा अगले बरस तुम जल्दी आना
और बरस भर की जरूरत ही नहीं पड़ी बहुत जल्दी हमें पड़ गया उनको फिर से बुलाना
क्योंकि दिवाली आ गई है
घर-घर में लक्ष्मी जी छा गई है
उल्लू पर सवार लक्ष्मी माता अपनी महिमा दिखने लगी है
पति विष्णु तो सोए हुए हैं लंबी नींद
और यह अपने दोनों हाथों से सिक्के बरसाने लगी है
लक्ष्मी माता चंचल है और धन समृद्धि के साथ खो न दे अपने बुद्धि और विवेक इसलिए उन पर संतुलन बनाने के लिए निमंत्रित किया जाते हैं श्री गणेश
लक्ष्मी माता एक स्थान पर स्थिर नहीं होती है
श्री गणेश बुद्धि के स्वामी है लक्ष्मी को स्थिर करने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है
श्री गणेश जी लक्ष्मी जी को स्थिर रखकर लंबे समय तक रखते हैं टिकाए इसलिए दीपावली पूजन में लक्ष्मी जी के साथ बिठाकर गणेश जी भी जाते हैं पूजाएं
आपने देखा होगा लक्ष्मी की तस्वीरों में जब वो अकेली होती है ,
दोनों हाथों से धन बरसाती है
और जब गणेश जी साथ होती हैं
तो शांति मुद्रा में पूजी जाती है
गणेश जी की सलाह से धन बरसाते हुए अच्छे बुरे का करती संतुलन है
दीपावली पर गणेश पूजन का यही तो कारण है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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