अन्ना है कान्हा,
जनता है गोपियाँ
कान्हा ने बांसुरी बजाई
गोपियाँ दौड़ी आई
हो रही है कृष्णलीला,
रामलीला मैदान में
भ्रष्टाचार है कंस जैसा
पर सब को है भरोसा
भ्रष्टाचार करने वाले,
कंस का अंत होगा
घोटू
जनता है गोपियाँ
कान्हा ने बांसुरी बजाई
गोपियाँ दौड़ी आई
हो रही है कृष्णलीला,
रामलीला मैदान में
भ्रष्टाचार है कंस जैसा
पर सब को है भरोसा
भ्रष्टाचार करने वाले,
कंस का अंत होगा
घोटू