कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
कोरोना ने कर दिया त्रस्त
सारा जीवन है अस्तव्यस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
यह आजादी का पुण्यपर्व ,
हम कैद मगर बैठें है घर
ले सकते खुलकर सांस नहीं ,
पट्टी है बंधी हुई मुंह पर
प्रतिबंध लगे इतने हम पर ,
हम बुरी तरह हो गए पस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
कंधे से कंधा मिला साथ ,
ना चल सकते ,ना करे काम
कम से कम दो गज दूरी की ,
है लगी हुई हम पर लगाम
सब मेलजोल अब बंद हुआ ,
भाईचारा हो गया ध्वस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त
ना समारोह ,कोई उत्सव ,
ना खेलकूद की आजादी
हो गए दबा सा ,घुटन भरा ,
जीवन जीने के हम आदी
त्योंहार ,धार्मिक पर्वों पर ,
भी पाबंदी है जबरजस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
एक तरफ चीन है उत्तर में ,
झगड़ा करने ,बैठा तैयार
एक तरफ पाक के आतंकी ,
घुसपैठ कर रहे बार बार
दंगों से बाज नहीं आते ,
घर में बैठे फिरकापरस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
कोरोना ने कर दिया त्रस्त
सारा जीवन है अस्तव्यस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
यह आजादी का पुण्यपर्व ,
हम कैद मगर बैठें है घर
ले सकते खुलकर सांस नहीं ,
पट्टी है बंधी हुई मुंह पर
प्रतिबंध लगे इतने हम पर ,
हम बुरी तरह हो गए पस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
कंधे से कंधा मिला साथ ,
ना चल सकते ,ना करे काम
कम से कम दो गज दूरी की ,
है लगी हुई हम पर लगाम
सब मेलजोल अब बंद हुआ ,
भाईचारा हो गया ध्वस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त
ना समारोह ,कोई उत्सव ,
ना खेलकूद की आजादी
हो गए दबा सा ,घुटन भरा ,
जीवन जीने के हम आदी
त्योंहार ,धार्मिक पर्वों पर ,
भी पाबंदी है जबरजस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनायें पंद्रह अगस्त
एक तरफ चीन है उत्तर में ,
झगड़ा करने ,बैठा तैयार
एक तरफ पाक के आतंकी ,
घुसपैठ कर रहे बार बार
दंगों से बाज नहीं आते ,
घर में बैठे फिरकापरस्त
इस परिस्तिथि में तुम्ही कहो ,
कैसे मनाये पंद्रह अगस्त
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '