मिरची
मिरची,लाल,हरी या काली
सब है स्वाद बढ़ाने वाली
कोई पिसी ,कोई बिन पिसी
सबको करवाती है सी सी
चाट चटपटी ,मन को भाती
हरी मिर्च पर बहुत लुभाती
जितनी हरी ,छरहरी होती
उतनी अधिक चरपरी होती
और ज्यों ज्यों वो मोटी होती
त्यों त्यों निज तीखापन खोती
लोग इसलिए ही कहते है
मोटे लोग ,ख़ुशी रहते है
हम सब लोग ,स्वाद के मारे
हरी मिर्च खा , लें चटखारे
मुंह से काटो ,अगर ज़रा सी
तो बस निकला करता सी सी
खाकर मज़ा बहुत आता है
सारा मुंह ,झन्ना जाता है
आँखों में ,पानी आ भरता
और कान से धुंवा निकलता
छूट पसीने भी जाते है
किन्तु चाव से सब खाते है
मीठा खाओ ,शांत हो जाती
पर अंदर खलबली मचाती
इसका असर देर तक टिकता
असली असर सुबह है दिखता
माने आप या न माने पर
खाने से आने तक बाहर
असर हमेशा रहता कायम
मिर्ची में होता इतना दम
इसीलिये है मेरा कहना
तुम मिर्ची से बच कर रहना
घोटू
मिरची,लाल,हरी या काली
सब है स्वाद बढ़ाने वाली
कोई पिसी ,कोई बिन पिसी
सबको करवाती है सी सी
चाट चटपटी ,मन को भाती
हरी मिर्च पर बहुत लुभाती
जितनी हरी ,छरहरी होती
उतनी अधिक चरपरी होती
और ज्यों ज्यों वो मोटी होती
त्यों त्यों निज तीखापन खोती
लोग इसलिए ही कहते है
मोटे लोग ,ख़ुशी रहते है
हम सब लोग ,स्वाद के मारे
हरी मिर्च खा , लें चटखारे
मुंह से काटो ,अगर ज़रा सी
तो बस निकला करता सी सी
खाकर मज़ा बहुत आता है
सारा मुंह ,झन्ना जाता है
आँखों में ,पानी आ भरता
और कान से धुंवा निकलता
छूट पसीने भी जाते है
किन्तु चाव से सब खाते है
मीठा खाओ ,शांत हो जाती
पर अंदर खलबली मचाती
इसका असर देर तक टिकता
असली असर सुबह है दिखता
माने आप या न माने पर
खाने से आने तक बाहर
असर हमेशा रहता कायम
मिर्ची में होता इतना दम
इसीलिये है मेरा कहना
तुम मिर्ची से बच कर रहना
घोटू