विरोधाभास
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तैलीय पदार्थ,जैसे अखरोट,तिल,आदि,
और तले हुए नमकीन,
जब पुराने पड़ जाते है,
उन पर तेल चढ़ जाता है
उनका स्वाद बिगड़ जाता है
कोई नहीं खाता है
इसके विपरीत,
जब किसी की शादी होती है,
तो एसा रिवाज है,
कि शादी के पहले,
दूल्हा या दुल्हन पर तेल चढ़ाया जाता है
कहते है कि एसा करने पर,
उनके रूप में निखार आता है
पर ये विरोधाभास है,
जो मेरी समझ में नहीं आता है
घोटू
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तैलीय पदार्थ,जैसे अखरोट,तिल,आदि,
और तले हुए नमकीन,
जब पुराने पड़ जाते है,
उन पर तेल चढ़ जाता है
उनका स्वाद बिगड़ जाता है
कोई नहीं खाता है
इसके विपरीत,
जब किसी की शादी होती है,
तो एसा रिवाज है,
कि शादी के पहले,
दूल्हा या दुल्हन पर तेल चढ़ाया जाता है
कहते है कि एसा करने पर,
उनके रूप में निखार आता है
पर ये विरोधाभास है,
जो मेरी समझ में नहीं आता है
घोटू