जीवन जीना
आतेजाते हैं जीवन में
कई जटिल तूफान
सबसे लड़ते ,आगे बढ़ते
जुझारू इंसान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान
तब तलक है जीने की शान
कदम बढ़ाए फूंक फूंक कर
देखें पीछे ,आगे
राष्ट्र प्रेम की मन के अंदर,
सदा भावना जागे
अगर किसी के काम आ सको
जीवन धन्य तुम्हारा
सेवा की और सद्भावों की
मन में बहती धारा
सत के पथ पर चले ना डिगे
छोड़े ना ईमान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान
तब तलक है जीने की शान
जो भी करें काम जीवन में
मेहनत और लगन हो
परोपकार के लिए हमारे
जीवन का हर क्षण हो
दीन दुखी की सेवा करना
नहीं किसी का बुरा सोचना
और दुर्भाव न रखना
कभी किसी से कुछ पाने की
तुम उम्मीद न रखना
तभी तुम कहलाओगे महान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान
तब तलक है जीने की शान
सब के प्रति सदभाव रखें
और बुरा न चाहे किसी का
सदाचार से जीवन जीना
होता नाम इसी का
हंसते-हंसते सबसे मिलना
और रहना मिलजुल कर
नहीं किसी से कभी दुश्मनी
जीवन जीना खुलकर
मिलेगा तुम्हें बहुत सम्मान
जब तलक जिंदा स्वाभिमान
तब तलक है जीने की शान
मदन मोहन बाहेती घोटू