क्या पता
कौन की किससे निभेगी,क्या पता
कौन की गुड्डी उड़ेगी,क्या पता
आज मिल कर उड़ाने आये सभी,
पर पतंग किस की कटेगी.क्या पता
कुछ धरम की,कुछ का मंजा जात का
और किसी ने ले लिया संग हाथ का
बेटे ने ही बाप की जब काट दी ,
पप्पू की कैसे बचेगी, क्या पता
कौन जाने , किसका मंजा तेज है
और किसका,किससे लड़ता पेंच है
ढील देकर कौन किसकी काट दे,
और फिर किसकी बचेगी.क्या पता
बहनजी ने सब पतंगे बेच दी
डोर लेकिन हाथ में अपने रखी
भारी है कुछ ,उड़ने में असमर्थ है,
पर लगा ,फिर भी उड़ेगी ,क्या पता
बाहुबलियों की पतंगे ,चन्द है
नोटबन्दी ने किया सब बन्द है
अब तो शाही पतंगे ,आकाश में,
बचेगी या फिर उड़ेगी ,क्या पता
मदन मोहन बाहेती'घोटू'