जोश- बुढ़ापे में
उठो,जागो,पड़े रहने से न कुछ हो पायेगा ,
अगर कुछ करना है तुमको ,खड़ा होना चाहिए
यूं ही ढीले पड़े रह कर ,काम हो सकता नहीं,
जोश हो और हौसला भी,बड़ा होना होना चाहिए
इस बुढ़ापे में भला ये सब कहाँ हो पायेगा ,
ये ग़लतफ़हमी तुम्हारी ,सोचना ये छोड़ दो,
पुरानी माचिस तीली भी लगा देती आग है ,
मसाला माचिस पर लेकिन ,चढ़ा होना चाहिए
घोटू
उठो,जागो,पड़े रहने से न कुछ हो पायेगा ,
अगर कुछ करना है तुमको ,खड़ा होना चाहिए
यूं ही ढीले पड़े रह कर ,काम हो सकता नहीं,
जोश हो और हौसला भी,बड़ा होना होना चाहिए
इस बुढ़ापे में भला ये सब कहाँ हो पायेगा ,
ये ग़लतफ़हमी तुम्हारी ,सोचना ये छोड़ दो,
पुरानी माचिस तीली भी लगा देती आग है ,
मसाला माचिस पर लेकिन ,चढ़ा होना चाहिए
घोटू
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