आशिक़ी
आशक़ी का जूनून इंसां पे ,होता जब भी है हावी ,
शराफत जाती तेल लेने और इज्जत स्वाह हो जाती
नतीजा ये निकलता है ,कोई बर्बाद हो जाता ,
किसी की डूबती किश्ती ,किसी की वाह हो जाती
घोटू
आशक़ी का जूनून इंसां पे ,होता जब भी है हावी ,
शराफत जाती तेल लेने और इज्जत स्वाह हो जाती
नतीजा ये निकलता है ,कोई बर्बाद हो जाता ,
किसी की डूबती किश्ती ,किसी की वाह हो जाती
घोटू
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