साडू भाई
एक ही कुए से,बाल्टी भर भर के ,
प्यास को जिन्होंने ,अपनी बुझाया है
एक ही चूल्हे से,लेकर के अंगारा,
सिगड़ियां अपनी को,जिनने जलाया है
एक ही चक्की का,पिसा हुआ आटा और ,
एक हलवाई की ही, खाते मिठाई है
एक ही दूकान पर,ठगे गए दो ग्राहक,
आपस में कहलाते, वो साडू भाई है
घोटू
एक ही कुए से,बाल्टी भर भर के ,
प्यास को जिन्होंने ,अपनी बुझाया है
एक ही चूल्हे से,लेकर के अंगारा,
सिगड़ियां अपनी को,जिनने जलाया है
एक ही चक्की का,पिसा हुआ आटा और ,
एक हलवाई की ही, खाते मिठाई है
एक ही दूकान पर,ठगे गए दो ग्राहक,
आपस में कहलाते, वो साडू भाई है
घोटू
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