Monday, June 16, 2025

यह जिव्हा 

यह जिव्हा अगर जो चटोरी न होती 
समोसा न होता, पकौड़ी न होती 

नहीं दही भल्लों की चाटें सुहानी 
नहीं गोलगप्पों का खट्टा सा पानी 
आलू की टिक्की, कचोरी ना होती 
ये जिव्हा अगर जो चटोरी न होती 

ना तो पाव भाजी , न इडली न डोसा 
न मोमो ,न नूडल ,ना पिज़्ज़ा ही होता 
छोले और भटूरे की जोड़ी ना होती 
ये जिव्हा अगर जो चटोरी न होती 

 ना लड्डू ,ना बर्फी ,जलेबी का जलवा 
रसगुल्ला प्यारा,ना गाजर का हलवा
रबड़ी,इमरती सुनहरी ना होती 
ये जिव्हा अगर जो चटोरी ना होती

दुआ जिव्हा को दो,उसके ही कारण 
मज़ा खाने पीने का ये ले रहे हम
क्या होता जो ये निगोड़ी न होती
ये जिव्हा अगर जो चटोरी न होती 

मदन मोहन बाहेती घोटू 


No comments:

Post a Comment