आम और आम आदमी
जो कच्ची केरियां होती,तो खट्टी,चटपटी होती,
उनका अचार या बनता मुरब्बा, जाम , खाते है
और जब पकने लगती है ,तो खिलने लगती है रंगत ,
महक,मिठास आता है ,मज़ा सब ही उठाते है
सही जब तक पकी हो तो ,तभी तक स्वाद देती है,
अधिक पकने पे सड़ जाती ,लोग खा भी न पाते है
ये किस्सा केरियों का ही नहीं,सबका ही होता है ,
आम के गुण ,हरेक आम आदमी मे पाये जाते है
घोटू
जो कच्ची केरियां होती,तो खट्टी,चटपटी होती,
उनका अचार या बनता मुरब्बा, जाम , खाते है
और जब पकने लगती है ,तो खिलने लगती है रंगत ,
महक,मिठास आता है ,मज़ा सब ही उठाते है
सही जब तक पकी हो तो ,तभी तक स्वाद देती है,
अधिक पकने पे सड़ जाती ,लोग खा भी न पाते है
ये किस्सा केरियों का ही नहीं,सबका ही होता है ,
आम के गुण ,हरेक आम आदमी मे पाये जाते है
घोटू