चरण महिमा
छुवो तो चरण कमल ,धोवो तो चरणामृत ,
चरणों की शरणो में लोग बहुत पड़ते है
रोंदो तो पाँव तले ,मंजिल पर पाँव चढ़े ,
मुश्किल तब ,जब कांटे ,पांवों में गढ़ते है
पैर अगर भारी है ,तो समझो खुशखबरी ,
पैर जमीं पर न पड़े ,जब चढ़ता यौवन है
पैर झुके ,दबे पाँव ,आगमन बुढ़ापे का ,
बोझ खुदका सहने का ,नहीं बचता दमखम है
चोर चले दबे पाँव ,जूतों में दबे पाँव ,
थके पाँव दबवा लो ,राहत दिलवाते है
चलते तो चार कदम ,साथ चलो मिला कदम ,
खींचों तो टाँगे है ,मारो तो लाते है
चार पैर कुर्सी के ,चार पैर का पलंग ,
बैठ या सो इन पर ,उमर गुजर जाती है
अर्ध पुरुष दोपाया ,चौपाया बन जाता ,
शादी कर जीवन में ,अर्धांगिनी आती है
कोई के पाँव फूल ,जाते है मुश्किल में ,
कोई के पांवो में बैठता शनीचर है
तो कोई पाँव पकड़ ,पाँव पसारा करता ,
कोई घूमता रहता ,पांवों में चक्कर है
पैर लड़खड़ाते कुछ ,पैर फिसल जाते कुछ ,
फूंक फूंक हरेक कदम ,समझदार रखते है
बैठता कोई है ,पाँव पर पाँव धरे
कोई पाँव सर पर रख ,इधर उधर भगते है
कोई खड़ा हो जाता ,जब पावों पर अपने ,
परिवार अपना वो ,तब ही बसाता है
कोई के पैरों में लगती जब मेंहदी है
मुश्किल से इधर उधर,वो आता जाता है
कोई के पैरों में ,बंधी बेड़ियाँ रहती ,
कोई के पैरों में घुँघरू है ,पायल है
पैर ठुमक कर चलते ,पैर नृत्य करते है ,
मानव के जीवन में ,पैरों का संबल है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '