हमारी जिंदगी
हमारी जिंदगी भी इस तरह के मोड़ लेती है
किसी अनजान के संग दिल के रिश्ते जोड़ लेती है
कभी राहों की बाधाएं और रोड़ों पर अटक जाती
कभी अनजान रस्तों पर, रुक जाती, भटक जाती
कभी दुर्गम कठिन पथ पर ,सहज से दौड़ लेती है हमारी जिंदगी भी किस तरह के मोड़ लेती है
कभी सुख में, खुशियों की, फुहारों से भिगो देती
परेशां होती ,आंखों में ,भरे आंसू ,वो रो देती
कभी मुश्किल दुखों की बाढ़ से झिंझोड़ देती है
हमारी जिंदगी भी किस तरह के मोड़ लेती है
मोह माया के फेरे में उम्र यूं ही गुजर जाती
कभी थोड़ी संवर जाती ,कभी थोड़ी बिखर जाती
बहुत सी खट्टी मीठी यादें पर वह छोड़ देती है
हमारी जिंदगी भी इस तरह के मोड़ लेती है
बड़ी मुश्किल पहेली यह कठिन है बूझना इसका
मगर उलझा ही रहता है ,दीवाना हर जना इसका
जिएं लंबा यही चाहत मौत से होड़ लेती है
हमारी जिंदगी में किस तरह के मोड़ लेती है
मदन मोहन बाहेती घोटू