नर,नारी और बारह राशि
नारी,
स्वयं 'कन्या'राशि होती है ,
'मीन' की तरह सुन्दर और चंचल नयन
तिरछी भौंहो के 'धनु'से ,
नज़रों के तीर छोड़ती हुई हरदम
द्वय 'कुम्भ'से,
शोभित किये हुए अपना गात
'वृश्चिक'की तरह ,जब डंक मारती है ,
तो मुश्किल हो जाते है हालात
नर,
'वृषभ' सा मुश्तंड ,
'सिंह' सा दहाड़ता हुआ
और 'मेष'की तरह ,
अपने सींग मारता हुआ
कभी 'मकर'की तरह ,
अपने जबड़ों में जकड़ता है
तो कभी 'कर्क'की तरह ,
पकड़ता है
नर और नारी,
'तुला'की तरह जब,
दोनों पलड़ों का होता है संतुलन
तब ही दोनों का 'मिथुन'की तरह
होता है मिलन
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
नारी,
स्वयं 'कन्या'राशि होती है ,
'मीन' की तरह सुन्दर और चंचल नयन
तिरछी भौंहो के 'धनु'से ,
नज़रों के तीर छोड़ती हुई हरदम
द्वय 'कुम्भ'से,
शोभित किये हुए अपना गात
'वृश्चिक'की तरह ,जब डंक मारती है ,
तो मुश्किल हो जाते है हालात
नर,
'वृषभ' सा मुश्तंड ,
'सिंह' सा दहाड़ता हुआ
और 'मेष'की तरह ,
अपने सींग मारता हुआ
कभी 'मकर'की तरह ,
अपने जबड़ों में जकड़ता है
तो कभी 'कर्क'की तरह ,
पकड़ता है
नर और नारी,
'तुला'की तरह जब,
दोनों पलड़ों का होता है संतुलन
तब ही दोनों का 'मिथुन'की तरह
होता है मिलन
मदन मोहन बाहेती'घोटू'