किस्मत अपनी अपनी
हम को कब मालूम होता ,किसी की बेटी कोई,
पल रही है किसी के घर बन के उसकी लाड़ली
एक दिन बन जाएगी तुम्हारी जीवनसंगिनी ,
और तुम्हारे वास्ते वो घर में कोई के पली
हर एक घर पे ये लिखा है,कौन इसमें रहेगा ,
हर एक फल पर ये लिखा है कौन इसको खायेगा
कौनसा फल पेड़ से गिर जाएगा तूफ़ान में,
मुरब्बा किसका बनेगा,कौन सा सड़ जाएगा
लिख दिया है विधाता ने,सभी कुछ तक़दीर में ,
बुरा,अच्छा,सुख और दुःख जो भोगना इंसान ने
इसलिए हम कर्म बस ,अपना सदा करते रहें,
फल हमें क्या मिलेगा ,सब लिख रखा भगवान ने
घोटू
हम को कब मालूम होता ,किसी की बेटी कोई,
पल रही है किसी के घर बन के उसकी लाड़ली
एक दिन बन जाएगी तुम्हारी जीवनसंगिनी ,
और तुम्हारे वास्ते वो घर में कोई के पली
हर एक घर पे ये लिखा है,कौन इसमें रहेगा ,
हर एक फल पर ये लिखा है कौन इसको खायेगा
कौनसा फल पेड़ से गिर जाएगा तूफ़ान में,
मुरब्बा किसका बनेगा,कौन सा सड़ जाएगा
लिख दिया है विधाता ने,सभी कुछ तक़दीर में ,
बुरा,अच्छा,सुख और दुःख जो भोगना इंसान ने
इसलिए हम कर्म बस ,अपना सदा करते रहें,
फल हमें क्या मिलेगा ,सब लिख रखा भगवान ने
घोटू