एक लड़की को देखा तो --
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
दिल मेरा ,हाथ से मेरे ,जाने लगा
थी मेरी कल्पनाओं में जो सुंदरी
खूबसूरत परी, हो जो जादूभरी
जिसके चेहरे पे छिटकी रहे चांदनी
जिसके अधरों पे गूंजे मधुर रागिनी
जिसकी आँखों में शर्मोहया हो बसी
फूल खुशियों के बरसा दे जिसकी हंसी
मुस्करा कर लुभाले सभी का जो मन
खुशमिज़ाज हो ,महकती हुई गुलबदन
थोड़ी गंभीर हो ,थोड़ी चंचल ,चपल
साथ हर हाल में ,बन रहे हम सफर
रूप जिसका ,जिया में दे जादू जगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
गाँव की गौरी सी जिसमे हो ताजगी
जिसमे हो भोलापन और भरी सादगी
जसके मेरे विचारों में हो साम्यता
भारतीय संस्कृति के लिए मान्यता
आधुनिक हो मगर ,घर चला जो सके
साथ परिवार का ,भी निभा जो सके
दिल के उपवन में ऐसी कली खिल गयी
मेरी चाहत थी जो ,वो मुझे मिल गयी
मैंने देखा उसे ,मेरा दिल खो गया
प्यार पहली नज़र में मुझे हो गया
रह गया देखता ,मैं ठगा सा ठगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
दिल मेरा ,हाथ से मेरे ,जाने लगा
थी मेरी कल्पनाओं में जो सुंदरी
खूबसूरत परी, हो जो जादूभरी
जिसके चेहरे पे छिटकी रहे चांदनी
जिसके अधरों पे गूंजे मधुर रागिनी
जिसकी आँखों में शर्मोहया हो बसी
फूल खुशियों के बरसा दे जिसकी हंसी
मुस्करा कर लुभाले सभी का जो मन
खुशमिज़ाज हो ,महकती हुई गुलबदन
थोड़ी गंभीर हो ,थोड़ी चंचल ,चपल
साथ हर हाल में ,बन रहे हम सफर
रूप जिसका ,जिया में दे जादू जगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
गाँव की गौरी सी जिसमे हो ताजगी
जिसमे हो भोलापन और भरी सादगी
जसके मेरे विचारों में हो साम्यता
भारतीय संस्कृति के लिए मान्यता
आधुनिक हो मगर ,घर चला जो सके
साथ परिवार का ,भी निभा जो सके
दिल के उपवन में ऐसी कली खिल गयी
मेरी चाहत थी जो ,वो मुझे मिल गयी
मैंने देखा उसे ,मेरा दिल खो गया
प्यार पहली नज़र में मुझे हो गया
रह गया देखता ,मैं ठगा सा ठगा
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '