शब्दहीन संवाद -आंसू और मुस्कान
आंसू
मन की पीड़ा ,दिल का दर्द उमड़ आता है ,
बिना कहे ही ,कितना कुछ कह देते आंसू
ये पानी की बूँद छलकती जब आँखों में ,
पलक द्वार को तोड़ ,यूं ही बह लेते आंसू
बिन बोले ही मन के भाव उभर आते है ,
जब ये आंसू ,आँखों में भर भर आते है
चुभन ह्रदय में होती,नीर नयन से बहता ,
मन मसोस कर ,कितना कुछ सह लेते आंसू
मुस्कान
जब मन का आनंद समा ना पाता मन में ,
तो सुख बन मुस्कान,,नज़र आते चेहरे पर
बिन बोले ही ,सब कुछ बतला देते सबको ,
मन के सारे भाव ,उभर आते चेहरे पर
युगल ओष्ठ ,चोड़े हो जाते,बांछे खिलती ,
नयी चमक आती चेहरे पर ,खुशियां दिखती ,
होता है जब मन प्रसन्न तो पुलकित होकर,
खुशियों के सब भाव ,बिखर जाते चेहरे पर
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
आंसू
मन की पीड़ा ,दिल का दर्द उमड़ आता है ,
बिना कहे ही ,कितना कुछ कह देते आंसू
ये पानी की बूँद छलकती जब आँखों में ,
पलक द्वार को तोड़ ,यूं ही बह लेते आंसू
बिन बोले ही मन के भाव उभर आते है ,
जब ये आंसू ,आँखों में भर भर आते है
चुभन ह्रदय में होती,नीर नयन से बहता ,
मन मसोस कर ,कितना कुछ सह लेते आंसू
मुस्कान
जब मन का आनंद समा ना पाता मन में ,
तो सुख बन मुस्कान,,नज़र आते चेहरे पर
बिन बोले ही ,सब कुछ बतला देते सबको ,
मन के सारे भाव ,उभर आते चेहरे पर
युगल ओष्ठ ,चोड़े हो जाते,बांछे खिलती ,
नयी चमक आती चेहरे पर ,खुशियां दिखती ,
होता है जब मन प्रसन्न तो पुलकित होकर,
खुशियों के सब भाव ,बिखर जाते चेहरे पर
मदन मोहन बाहेती'घोटू'