Friday, July 10, 2020

प्रिय स्नेही जनो
सबसे पहले मैं स्वागत करता हूँ अग्रवाल परिवार का
जिनके साथ हमारे मधुर स्नेह बंधन बंधने जा रहे है
फिर बधाई है शिवांगी और अक्षय को जो परिणय सूत्र
की प्रथम सोपान पर आज चढ़ रहे है ,
कहते है
  समय के संग हमको चलना चाहिये
  रुख लचीला ,अपना रखना चाहिए
  जैसी भी हो सामने परिस्तिथिया ,
  मान्यता अपनी  बदलना  चाहिये
इन्ही पंक्तियों का अनुसरण करते हुए
आज का जो कार्यक्रम रखागया है वह
उत्तम सुधारवादी प्रयास है और इसके लिए
दोनों पक्षों को बधाई
आज के इस शुभ अवसर पर,
 एक छोटी सी कविता प्रस्तुत है

शिवांगी का आज रोका हो गया
अतुल ने कर दी मुनादी ज़ूम पर
सुनीता की  चाह  पूरी हो गयी ,
और खुश है दादा ,दादी ज़ूम पर
अनिल ने गाना सुनाया झूम कर ,
धूम बच्चों ने  मचा दी ज़ूम पर
हमने आशीर्वाद और शुभकामना
वर वधु को पहुँचादी  ज़ूम पर
यदि रही कोविद की पाबंदियां ,
तो सगाई ,होगी शादी ज़ूम पर
न तो डेस्टिनेशन ना इवेंट कुछ ,
एकदम सिम्पल और सादी ज़ूम पर
बैंड ना ,म्यूजिक का सिस्टम बजेगा ,
और होंगे सब बाराती ज़ूम पर
स्वामीजी उज्जैन से  मंतर पढ़ें ,
नॉएडा में होगी शादी ज़ूम पर
ख़ास थाली सबको हल्दीराम की
स्विगी से घर घर पहुंचादी घूम कर
दिखावे की होड़ सब थम जायेगी ,
बात ये अच्छी बनादी ज़ूम पर
बजट लाखों का था ऐसा होगा फिर  ,
सब फिजूल खर्ची बचा दी ज़ूम पर
काम बच्चों के उमर भर आएगी ,
ऍफ़ डी यदि जो बनादी ज़ूम पर

धन्यवाद और बधाइयाँ