शीत लहर सर्दी में,लहर उठाती मन में
घुस रजाई बिस्तर में,विंटर मनाते है
जब गर्मी बढती है ,प्यास बहुत लगती है
चूम तेरे होठों को ,प्यास हम बुझाते है
बारिश की फुहारें, भिजोती तन मन सारे
प्रियतम संग प्रेम रस में ,भीग भीग जाते है
बासंती ऋतू में जब ,बौर आते आमों पर
प्यार के दीवाने हम ,खुद ही बौरा जाते है
होली पर रंग लगा,दीवाली दीप जला,
वेलेन ताईन डे पर हम ,चिपक चिपक जाते है
मौसम तो बहाना है ,साथ तेरा पाना है
मजा हर एक मौसम का ,जम कर उठाते है
घुस रजाई बिस्तर में,विंटर मनाते है
जब गर्मी बढती है ,प्यास बहुत लगती है
चूम तेरे होठों को ,प्यास हम बुझाते है
बारिश की फुहारें, भिजोती तन मन सारे
प्रियतम संग प्रेम रस में ,भीग भीग जाते है
बासंती ऋतू में जब ,बौर आते आमों पर
प्यार के दीवाने हम ,खुद ही बौरा जाते है
होली पर रंग लगा,दीवाली दीप जला,
वेलेन ताईन डे पर हम ,चिपक चिपक जाते है
मौसम तो बहाना है ,साथ तेरा पाना है
मजा हर एक मौसम का ,जम कर उठाते है