आज गरीबी फैशन में है
तेल विहीन केश है सूखे , दाढ़ी बढ़ी ,नहीं कटवाते
फटी हुई और तार तार सी ,जीन्स पहन कर है इतराते
कंगालों सा बना हुलिया ,जाने क्या इनके मन में है
आज गरीबी फैशन में है
खाली जेब ,पास ना पैसा ,बात बात में करें उधारी
क्रेडिट कार्ड ,बैंक का कर्जा ,लोन चुकाओ ,मारामारी
घर और कार ,फ्रिज ,फर्नीचर ,सभी बैंक के बंधन में है
आज गरीबी फैशन में है
पूरा दिन भर ,पति और पत्नी ,ड्यूटी पर जाते रोजाना
जंक फ़ूड से पेट भर रहे, ना नसीब में ताज़ा खाना
,अस्त व्यस्त और पस्त जिंदगी नहीं कोई सुख जीवन में है
आज गरीबी फैशन में है
कोई सब्सिडी माँग रहा है , कोई माँगता है आरक्षण
नेता वोट माँगते फिरते ,बढ़ता ही जाता मंगतापन
भीख माँगने की आदत अब ,फैल रही सब जनजन में है
आज ग़रीबी फ़ैशन में है
मदन मोहन बाहेती'घोटू '