Friday, July 8, 2011

संस्कार

संस्कार
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हमने जब बच्चे पाले
तो विनम्रता और आज्ञाकारी
होने के संस्कार डाले
हमें ख़ुशी है ,हमारा बेटा,
अभी भी संस्कारी है
हमारा नहीं तो क्या,
अपनी पत्नी का तो आज्ञाकारी है

घोटू

जनरेशन गेप

जनरेशन गेप
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हमारे बच्चे,जब छोटे होते है
हमारी उंगली पकड़ कर खड़े होते है
पर अपने पेरों पर खड़े होने के बाद,
वे अपनी खिचड़ी अलग पकाते है
उनके विचार,हमारे विचारों से मेल नहीं खाते है
और कहते है की ये जनरेशन का अंतर है
पर ये बात हमारी समझ के बाहर है
 क्योकि हमारी और उनकी उनकी ,
उम्र में तब भी था इतना ही अंतर
जब वो चलते थे हमारी उंगली पकड़ कर

घोटू

भविष्यवाणी

भविष्यवाणी
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एक पेंसठ वर्षीय बुढ़िया ने,
एक ज्योतिषी को,
अपनी जन्म कुंडली दिखलाई
 ज्योतिषी ने,काफी बातें सच बतलाई
बोला अटल सुहाग है,
काया निरोग है
पर माई,तेरा दो सासों का योग है
बुढ़िया बोली,तेरी ये बात है बेकार
मेरे ससुर तो गए है स्वर्ग सिधार
पास खड़ा बूढा पति बोला,
ज्योतिषी की बात में दम है
तेरी बहू, क्या सास से कम है?

घोटू

शिकवा

  शिकवा
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पहले तो आग लगायी,
रूप से अदाओं से
चंचल सी चितवन से,
मदमाते भावों से
और  अब आँखों से ,
आंसू ढलकाती हो
बन कर के दमकल तुम,
आग क्यों बुझाती हो

घोटू