जीवन के रंग
घट घट वासी ने लिखी,कुछ ऐसी तक़दीर
घूँट घूँट घोटू पिये ,घाट घाट का नीर
घाट घाट का नीर ,घोटते ऐसी वाणी
भरे ज्ञान घट ,तृप्त सभी हो जाते प्राणी
कह 'घोटू 'कवि फिर भी जल बिच मीन पियासी
बहुत दिखाए रंग जीवन के ,घट घट वासी
'घोटू '
घट घट वासी ने लिखी,कुछ ऐसी तक़दीर
घूँट घूँट घोटू पिये ,घाट घाट का नीर
घाट घाट का नीर ,घोटते ऐसी वाणी
भरे ज्ञान घट ,तृप्त सभी हो जाते प्राणी
कह 'घोटू 'कवि फिर भी जल बिच मीन पियासी
बहुत दिखाए रंग जीवन के ,घट घट वासी
'घोटू '