Sunday, February 23, 2014

सजी धजी गरम थाली

         सजी धजी गरम थाली    

एक थाली में मीठा भी है ,और नमकीन साथ मे है
चेहरा लिए लुनाई सुन्दर ,गजब मिठास बात में है
सुन्दर प्यारी प्लेट सजी है ,और नाश्ता गरम गरम,
जरा लगा होठों से देखो, लज्जत बड़ी  स्वाद में है
प्यार का क़ानून भी ,कितना अनोखा  यार है
हम करें तो बलात्कार,वो करें तो प्यार  है
'घोटू '

महिलाओं की घटती जनसंख्या

    महिलाओं की घटती जनसंख्या

मर्दों की अपेक्षा घट रही है,
महिलाओं की जनसंख्या
इसका क्या है कारण,
कभी आपने सोचा क्या ?
सीमित नियोजित परिवार ,
या बेटियों की भ्रूणहत्या ?
या फिर और कुछ भी ,
हो सकता है इसका कारण
आओ करें इस शंका का निवारण
क्या आपने सत्संगों में,
भागवत की कथा प्रसंगों में
मंदिरों और तीर्थों में ,
देखी है भीड़ उमड़ती हुई
लगता है लोगों में ,धर्म के प्रति ,
आस्था है बढती हुई
एक बात और बतलायें
इसमें दो तिहाई होती है महिलायें
भगवान को सुमरती रहती है ,
  सुख में या   क्षोभ में 
  मुक्ती के लोभ में
भजन,भक्ती और पूजन में ,
हरिस्मरण और कीर्तन में
महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है
इसलिए ज्यादा महिलायें मोक्ष पा रही है
और यही असली वजह है कि भारत में,
महिलाओं की जनसंख्या घटती जा रही है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कितने पापड़ बेले है

      कितने पापड़ बेले है

काँटों में भी उलझे  है  हम, फूलों संग   भी  खेले  है
खुशियों का भी स्वाद चखा है दुःख भी हमनेझेले है 
हंसना ,रोना ,खाना पीना ,जीवन की दिनचर्या है ,
रोज रोज जीने के खातिर ,कितने किये झमेले है
हममें जो  खुशबू है गुलाब की ,थोड़ी बहुत आरही है ,
,हम पर कभी गुलाब गिरा था,हम मिटटी के ढेले है
जब विकसे और महक रहे थे,तितली ,भँवरे आते थे ,
अब मुरझाने लगे इसलिए ,तनहा और अकेले है
आज हम यहाँ,इस मुकाम पर ,पंहुचे ठोकर खा खाके ,
अब तुमको हम क्या बतलायें ,कितने पापड बेलें है
इश्क़ ,प्यार को लेकर अपना ,थिंकिंग बड़ा प्रेक्टिकल है,
ना फरहाद की लाइन चलते ,ना मजनू के चेले  है
सूखा तना समझ कर हमको ,यूं ही मत ठुकरा देना,
कोई बेल लिपट कर देखे,हम कितने अलबेले  है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'