Sunday, August 20, 2023

मेरा देश

अलगअलग भाषाएं सब की अलग सभीके भेष हैं 
लेकिन सब के सब मिल करके ,देते प्रेम संदेश है 
यह मेरा देश है ,यह भारत देश है 

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब में भाईचारा है 
सर पर मुकुट हिमालय का है बहती गंगा धारा है 
तीन तरफ सागर की लहरें करती जलअभिषेक है 
यह मेरा देश है ,यह भारत देश है 

रामेश्वर जगदीश द्वारका बद्री धाम हैं चार यहां 
महाकाल है विश्वनाथ है ज्योतिर्लिंग केदार यहां
धोने पाप सभी गंगा में ,हरिद्वार ऋषिकेश है 
यह मेरा देश है,यह भारत देश है 

यह धरती राणाप्रताप की,वीर शिवा की, गांधी की 
जिनने सबने बीन बजाई ,भारत की आजादी की 
बुद्ध और महावीर ने दिया ,शांति का संदेश है 
यह मेरा देश है ,यह भारत देश है 

यहां अजंता एलोरा है ,ताजमहल, नालंदा है 
होली और दीवाली उत्सव बड़े प्रेम से मनता है 
तीन देव रक्षा करते हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश है 
यह मेरा देश है ,यह भारत देश है 

ज्ञान और विज्ञान यहां पर सदियों से ही उन्नत है 
सोने की चिड़िया कहलाता ,देश हमारा भारत है 
राम कृष्ण अवतरित हुए थे उनकी कृपा विशेष है 
यह मेरा देश है ,यह भारत देश है

मदन मोहन बाहेती घोटू 
एक नारी सब पर भारी 

महिलाएं सब पर पड़ती भारी है 
पुरुष सब कुछ सहता है ,लाचारी है 
सब चीज पर जताती है अपना अधिकार 
कब्जा किए हैं सब तिथि और त्योहार 
पहली तिथि गुड़ी पड़वा 
तो दूसरी तिथि भाई दूज है 
दोनों में ही इनकी होती पूछ है
तीसरी तिथि तीज पर इनका एकाधिकार है 
सजती संवरती है,करती सोलह सिंगार है 
चौथी चौथ, चारों चौथों पर व्रत रखती है 
और रात को चांद का दीदार करती है 
पांचवी तिथी बसंत पंचमी 
और छठी को छठ है मनाना 
सप्तमी को शीतला सप्तमी ,
खिलाती है ठंडा खाना 
अष्टमी को होईअष्टमी रखती है 
दुर्गा नवमी को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है दशमी को विजयादशमी बनाती है 
एकादशी को तुलसी का विवाह कराती है 
द्वादशी को बछ बारस 
और धनतेरस को बरसता है धन 
चौदस को रूप की चौदस
और अमावस को होता है लक्ष्मी का पूजन महिलाओं का वर्चस्व होता है हर दिन पर 
मर्द विचारा काम में जुटा रहता है महीना भर 
इन को खुश करने के लिए कमाता है 
कभी जेवर दिलाता है 
कभी घेवर खिलाता है 
कभी उनको करवा पिलाता है 
यह रानी कहलाती है 
वह नौकर कहलाता है 
पत्नी हमेशा रहती है तनी
और पति पर सदा विपत्ति रहती है भारी
पुरुष सब कुछ सहता है क्योंकि है लाचारी
एक नारी ,सब पर भारी

मदन मोहन बाहेती घोटू
देखो यह बात ठीक नहीं

तुम वधू हो मैं तुम्हारा वर
तुम्हें भेंट करता हूं जेवर 
तुम्हें खिलाता लाकर घेवर 
पर तुम दिखलाती हो तेवर 

देखो यह बात ठीक नहीं 

मैं हूं घर वाला तुम्हारा 
नाचूं जब तुम करो इशारा 
हरदम रखना ख्याल तुम्हारा 
पर तुम नहीं डालती चारा 

देखो यह बात ठीक नहीं 

मैं तुम्हारा प्रेमी अच्छा 
तुम्हें प्यार करता हूं सच्चा 
देता उपहारों का लच्छा 
पर तुम हरदम देती गच्चा 

देखो यह बात ठीक नहीं 

मैं तुम्हारा पति परमेश्वर 
करता तुम पर जान निछावर 
तुम्हें चाहता दिल से डियर 
तुम तरसाती रहती हो पर 

देखो यह बात ठीक नहीं

मैं तुम्हारा सच्चा आशिक 
इतने वर्षों रहा साथ टिक 
गया प्रेम में तुम्हारे बिक
और तुम करती रहती चिक चिक

 देखो यह बात ठीक नहीं
 
 मैं तो हूं तुम्हारा स्वामी 
 पर नौकर बन करूं गुलामी 
 हर एक बात पर भरता हामी 
 लेकिन तुम करती मनमानी
 
देखो यह बात ठीक नहीं

मदन मोहन बाहेती घोटू 
आया गणपति का त्योंहार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार, मनाओ उत्सव रे 

गणपति बप्पा मोरया,बार बार तू जल्दी आ

जय गणेश गणपति गजानन 
करूं आपका, मैं आराधन 
तुम सुत महादेव के प्यारे 
प्रथम पूज्य तुम देव हमारे 
एक दंत और कर्ण विशाला 
अरुण कुसुम की धारे माला
कर में कमल ,माथ पर चंदन 
भव्य रूप ,गौरी के नंदन 
तुम्हारे प्रति सबके मन मे , श्रद्धाभाव अपार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार मनाओ उत्सव रे

गणपति बप्पा मोरया, बार बार तू जल्दी आ 

तुम हो रिद्धि सिद्धि के दाता
हम सबके तुम बुद्धि प्रदाता
लाभ और शुभ, पुत्र तुम्हारे
हरते सबके संकट सारे
जब हो घर में कुछ आयोजन
देते तुमको प्रथम निमंत्रण
मिलता आशीर्वाद तुम्हारा
काम विघ्न बिन होता सारा
आशीर्वादों की वर्षा से, करते हो उपकार, मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार मनाओ उत्सव रे

 गणपति बप्पा मोरया बार बार तू जल्दी आ
 
लक्ष्मी साथ तुम्हारा पूजन 
दिवाली पर करें सभी जन 
सरस्वती संग साथ तुम्हारा 
सबको ही लगता है प्यारा 
दो देवी को बुद्धि बल से 
तुमने साध रखा कौशल से 
बना  संतुलन रखो विनायक 
महाकाय ,पर वाहन मूषक 
सूझ बूझ है बड़ी विलक्षण ,वंदन बारंबार मनाओ उत्सव रे
आज बप्पा आए हैं मेरे द्वार, मनाओ उत्सव रे

गणपति बप्पा मोरया बार बार तू जल्दी आ 


मदन मोहन बाहेती घोटू 
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोले नाथ
हे त्रिपुरारी, कृपा तुम्हारी, बनी रहे दिन रात  
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोलेनाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले

हे शंकर, बाघाम्बर धारी 
करूं आपकी पूजा न्यारी
दूध दही घी शहद शर्करा
गंगाजल से पात्र है भरा
बिलपत्तर और भांग की बूटी
अभिषेक की रीति अनूठी
अर्पित करूं पुष्प की माला और नमाऊं माथ
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोले नाथ

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले 

हे कैलाशी, काशी वासी
हे शंभू तुम हो अविनाशी
सर्प गले ,सर चंदा सजता 
डम डम डम डम डमरू बजता 
महिमा है तुम्हारी न्यारी
नंदी पर तुम करो सवारी 
डूबे रहते सदा ध्यान मे और त्रिशूल है साथ 
जय जय शंकर भोले नाथ 
जय जय शंभू भोले नाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले, बम बम भोले

आदिदेव तुम महादेव हो
सब देवों के तुम्ही देव हो
रमी भभूति तन सब अंगा
सर पर जटा, निकलती गंगा
तुम्हे पूजती दुनिया सारी
प्रभु तुम हो भोले भंडारी 
देने आशीर्वाद हमेशा, उठे तुम्हारा हाथ 
जय जय शंकर भोले नाथ
जय जय शंभू भोलेनाथ 

हर कोई बोले, बम बम भोले
प्रेम से बोले,बम बम भोले 

मदन मोहन बाहेती घोटू